व्यापारी नेता आशु शर्मा बोले, व्यापारियों को धराशाई करने वाला है बजट
व्यापारी नेता आशु शर्मा बोले, व्यापारियों को धराशाई करने वाला है बजट

व्यापारी नेता आशु शर्मा बोले, व्यापारियों को धराशाई करने वाला है बजट

author
0 minutes, 3 seconds Read

Budget 2021 expectations in Hindi: आम बजट 2021 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सारे क्षेत्रों में हम घोषणा की लेकिन व्यापारियों के लिए उन्होंने जिन घोषणाओं को किया है उन से व्यापारी वर्ग संतुष्ट नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष पंडित आशू शर्मा ने बजट 2021 को महज एक लॉलीपॉप बताया है।

आम बजट 2021 के लिये सरकार ने व्यापारियों का बजट खराब किया है और खुद का बजट बनाया है। चुनावी राज्यों में विकास का मसाला दिया और देश की रीढ़ कहे जाने वाले व्यापारियों को सिर्फ कोरा कागज।

आम बजट 2021 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सारे क्षेत्रों में हम घोषणा की लेकिन व्यापारियों के लिए उन्होंने जिन घोषणाओं को किया है उन से व्यापारी वर्ग संतुष्ट नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष पंडित आशू शर्मा ने बजट 2021 को महज एक लॉलीपॉप बताया है।

आम बजट 2021 के लिये सरकार ने व्यापारियों का बजट खराब किया है और खुद को बजट बनाया है। चुनावी राज्यों में विकास का मसाला दिया और देश की रीढ़ कहे जाने वाले व्यापारियों को सिर्फ कोरा कागज।

मध्यम वर्गीय परिवार व व्यापारियों को कोरोना के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है लेकिन सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जीएसटी को लेकर सहूलियत देनी तो छोड़ो इनकम टैक्स की स्लैब तक को नजरअंदाज किया गया।

छोटे व मझौले व्यापारियों को बिना गारंटी कर्ज का लालीपाप मुद्रा योजना के तहत दिया गया था, जो धरातल पर नहीं दिखा। बैंक कर्मियों ने व्यापारियों को खूब उत्पीड़ित किया। कर्ज उसे मिला जिसने सम्पत्ति गिरवी रखी। इस बजट से उम्मीद थी कि इसमें सुधार होगा लेकिन नहीं हुआ।

आम बजट 2021 में स्टार्टअप पर टैक्स में छूट का प्रावधान किया है, लेकिन सवाल यह है कि कितने ऐसे स्टार्टअप हैं जो टैक्स पे करने की सीमा तक आय करते हैं। यहां सरकार ने चालाकी की है।

Budget 2021 expectations in Hindi: व्यापारी आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे थे

व्यापारियों की सबसे बड़ी जरूरत आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, जिसकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया। कोरोना काल में व्यापारियों को बाजार नहीं खोलने दिया गया, जो रसूखदार थे उन पर मेहरबानी रही लेकिन व्यापारी वर्ग हमेशा प्रताड़ित ही रहा। कारोबार खत्म हुए, कर्मचारियों को निकाल दिया गया, मार्केट में जिस पर कर्ज था वह अदा नहीं कर पाया उस पर ब्याज पर ब्याज लगते रहे। कुल मिलाकर आज तक व्यापारी सीधा खड़ा नहीं हो पाया है। सरकार को चाहिए था कि व्यापारियों की अंगुली पकड़े उनको राहत पैकेज रूपी सांत्वना दें लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

बच्चों की फीस के लिये अनुदान का प्रबंध करना जरूरी था

कोरोना काल के दौरान ऐसे व्यापारी वर्ग जिनके बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते थे, वहां फीस के नाम पर मोटी रकम जाती थी ऐसे वर्ग के लिए विशेष राहत पैकेज भी करना सरकार की पूरी जिम्मेदारी थी। सरकार ने स्कूलों पर फीस को लेकर कोई नियम तो नहीं बनाया लेकिन उन अभिभावकों का क्या होगा जो लॉकडाउन के दौरान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ थे और आज तक उनके हालत खराब हैं।

बिजली का बिल करना था माफ लेकिन सरकार ने मुद्दा कर दिया साफ

बात करें विद्युत विभाग की तो हालांकि कनेक्शन काटने के नियमों ढील दी गई थी लेकिन बिजली का बिल पूरा आता रहा, जबकि फक्ट्रियां बंद रहीं। बिल न जमा हुआ तो व्यापारियों पर टैक्स पर टैक्स लगाया गया। लेकिन सरकार चुप है। आर्थिक रीढ़ कहे जाने वाला व्यापारी वर्ग सरकार से इतना निराश हो चुका है। आम बजट में व्यापारियों के लिए कोई बात ही नहीं की गई।

बैंक में लोन किस्त अदा न हुई तो लगा ब्याज पर ब्याज

बैंक में लोन की किस्त न जमा कर पाने वाले व्यापारियों के लिये भी राहत नहीं मिली। सरकार को कम से कम लॉकडाउन के दौरान बिजली का बिल माफ (Budget 2021 expectations in Hindi:) करना चाहिये था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और न ही कोई पैकेज का प्रावधान किया गया।

e service mantraAdvt3Full
author

editor

पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

Similar Posts

error: Copyright: mail me to info@eradioindia.com