हत्या करने के लिये शूटर को दी थी चार लाख सुपारी
पुलिस शूटर समेत 3 को किया गिरफ्तार
मेरठ। 11 मार्च को थाना दौराला क्षेत्र के कृषि विवि के पास कार सवार विवि के डीन की हत्या के प्रयास का खुलासा सोमवार को मेरठ पुलिस ने कर दिया। इस मामले में विवि की एक महिला प्रोफेसर समेत चार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है । हत्या के प्रयास का कारण डीन को रास्ते से हटााना था। जिसे महिला प्रोफेसर विवि की डीन बन सके।
पुलिस लाइन के सम्मेलन कक्ष में मीडिया को जानकारी देते हुए एसएसपी प्रभाकर चौधरी एंव एसपी देहात केशव कुमार ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि ११ मार्च को कृषि विवि पास विवि के डीन डा राजवीर सिंह की उस समय ताबडतोड गोलियां से जानलेवा हमला कर दिया गया था जब विवि से अपने घर जा रहे थे। इस मामले में डा राजवीर केपुत्र की और से दौराला थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। गोलीबारी का खुलासा करने के लिये एसओजी को लगाया गया था। छानबीन में प्रकाश में में डा. आरती भटेले, अनिल बालियान, मुनेन्द्र बाना, आशू चड्डा, नदीम के नाम प्रकाश में आये। सोमवार को पुलिस ने नाले की पुलिया के पास ग्राम पबरसा रोड से गोली चलाने वाला शूटर आशू चड्डा को घटना में प्रयुक्त तमंचा 315 बोर मय दो कारतूस व एक पिस्टल .30 बोर मय 9 मैगजीन मय 63 कारतूस .30 बोर व स्पलेन्डर व सुपारी की रकम 4 लाख रूपयों के साथ तथा हत्या के षड्यन्त्र में शामिल अभियुक्त मुनेन्द्र बाना मय गाडी स्कार्पियो जिससे घटना से पूर्व रेकी की गयी थी व हत्या का प्रयास कराने वाला अनिल बालियान द्वारा चार लाख रूपये शूटर आशू चड्डा व मध्यस्थता कराने वाले मुनेन्द्र बाना को गिरफ्तार किया ।
गिरफ्तारशुदा अभियुक्त अनिल बालियान ने पूछताछ पर बताया कि 2014 में उसनेअपनी बेटी आकांक्षा बालियान का एडमिशन बीएसीएजी मे सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्व विद्यालय मोदीपुरम मे कराया था । डा. आरती भटेले से तभी से जान पहचान हो गयी थी।उसके सम्बन्ध काफी घनिष्ठ हो गये थे जिस कारण उसकी पत्नी ने वर्ष 2019 में उसे छोडकर गाँव सिसौली चली गयी । वह अपने फ्लैट पर अकेला रहता है अक्सर मेरे घर पर डा. आरती भटेले आती रहती है । दोनो अक्सर बाजार से खरीदारी करने व घूमने फिरने साथ.साथ जाते है । यह पता चला डा राजबीर सिंह वैटनेरी मे डीन है । जबकि डा. राजबीर सिंह की योग्यता डीन बनने लायक नहीं है । डा आरती भटेले वैटनेरी से पीएचडी है । डीन बनने की योग्यता रखती है । जान बूझकर डा. आरती भटेले को डीन नहीं बनाया गया ।
डा आरती भटेले के साथ वह दो वर्ष पूर्व लखनऊ राज्यपाल के यहा शिकायत करने भी गया था और काफी पत्राचार किया गया है । उससे डा. आरती भटेले ने कहा यदि डा. राजबीर सिंह रास्ते से हट जाये तो वह डीन बन जाऊंगी तो उसकी इज्जत बढ जायेगी और उसकी लडकी आकांक्षा की नौकरी कृषि विश्वविद्यालय में लगवा देगी। डा. आरती भटेले ने यह भी कहा जब डा. राजबीर सिंह अवकाश या अन्य कार्य से विश्वविद्यालय से बाहर जाते है तो डीन का कार्यभार उससे से जूनियर डाक्टर विजय को देकर जाते है जिसमे उसके मान सम्मान को ठेस पहुँचती हैं इस सम्बन्ध में डा. आरती भटेले द्वारा उच्चाधिकारीगणो को कई बार पत्राचार किया गया ।
डा. आरती भटेले की बात सुनकर उसने सोचा की यदि डा. राजवीर सिंह रास्ते से हट जायेगे तो डा. आरती भटेले से मेरे सम्बन्ध और अच्छे हो जायेंगे और बने रहेंगे और मेरी लडकी आकांशा की भी नौकरी लग जायेगी । इस लालच में मैंने अपने दोस्त मुनेन्द्र बाना से 25 फरवरी को सम्पर्क किया था और पूरी बात मैंने मुनेन्द्र बाना को बतायी थी और कहा था कि डा. राजवीर सिंह को रास्ते से हटाना हैं तो इसने कहा कि मेरा फुफेरा साला आशू चड्डा 9 फरवरी को जेल से बाहर आया है । वह यह काम कर देगा । तब ४ मार्च को मुनेन्द्र बाना के घर पर हम लोगो की मीटिंग हुई जिसमे मैं व मुनेन्द्र बाना व आशू चड्डा व आशू चड्डा का दोस्त नदीम हम चारों लोगों ने डॉ. राजबीर सिंह की हत्या के षडयंत्र की योजना बनायी थी तथा मुनेन्द्र बाना व आशू चड्डा व नदीम से डा. राजवीर सिंह को हटाने के कारण भी बताये थे, ७ मार्च को उसने व मुनेन्द्र बाना ने मुनेन्द्र बाना की स्कार्पियो गाडी मय आशू चड्डा व नदीम को गाडी मे बैठाकर डा. राजवीर सिंह के घर से लेकर कृषि विश्व विद्यालय तक की रेकी करायी व गाडी नम्बर नोट कराया व डा. राजबीर सिंह का फोटो दिया था रेकी वाले दिन ही मैने अपनी लाईसेन्सी पिस्टल .30 बोर व 9 मैगजीन जिनमे 7.07 राउण्ड भरे हुए थे आशू चड्डा को दिये। योजना के अनुसार डीन की हत्या करने के लिये उसकी कार पर गोलियां चलायी ।