पड़ोसी देश श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इस चुनाव में मार्क्सवादी अनुरा कुमारा दिसानायके को जीत मिली है। अनुरा ने श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है। इस चुनाव में मार्क्सवादी नेता ने खुद को युवा मतदाताओं और पारंपरिक राजनेताओं की ‘भ्रष्ट राजनीति’ से थक चुके लोगों के सामने एक परिवर्तनकारी नेता के रूप में पेश किया। वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं और अब श्रीलंका में नेतृत्व के शिखर पर पहुंचे हैं।
2022 के गहरे आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव था। इस चुनाव में अनुरा कुमारा ने भ्रष्टाचार विरोधी उपायों और गरीबों के कल्याण के लिए नीति पर अपना फोकस किया। अनुरा पर अब इन्हें धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति दिसानायके को जीत की बधाई दी है। मोदी ने कहा कि श्रीलंका भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और विजन सागर में एक विशेष स्थान रखता है।
आइये जानते हैं श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में क्या हुआ है? चुनाव जीतने वाले मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके का सियासी सफर कैसा रहा है? उनके सामने क्या चुनौतियां होंगी? श्रीलंका में चुनाव नतीजे के मायने भारत के लिए क्या हैं?
रविवार को श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित किए गए। चुनाव आयोग ने मार्क्सवादी सांसद अनुरा कुमारा दिसानायके को राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित किया। मतदाताओं ने पारंपरिक राजनेताओं को खारिज कर दिया, जिन पर देश को आर्थिक बर्बादी की ओर धकेलने का व्यापक आरोप लगाया गया है।
एकेडी के नाम से लोकप्रिय दिसानायके को 56 लाख या 42.3% वोट मिले, जो 2019 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें मिले 3% से काफी अधिक है। प्रेमदासा 32.8% वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में शीर्ष दो उम्मीदवार विजेता घोषित होने के लिए जरूरी 50% वोट हासिल नहीं कर सके। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि राष्ट्रपति चुनाव का निर्णय दूसरी वरीयता के वोटों की मतगणना से हुआ।
श्रीलंकाई चुनावी प्रणाली के तहत, मतदाता अपने चुने हुए उम्मीदवारों के लिए तीन वरीयता वोट डालते हैं। यदि पहली गिनती में कोई भी उम्मीदवार 50% मत नहीं पाता है, तो दूसरी गिनती में डाले गए वरीयता वोटों का उपयोग करके शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच विजेता तय किया जाता है। चुनाव आयोग के अनुसार, 1.7 करोड़ पात्र मतदाताओं में से लगभग 75% ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
दिसानायके ने श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली ली है। दिसानायके को सोमवार को राष्ट्रपति सचिवालय में मुख्य न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई।