- अतर्कसंगत आपत्तियों से निरस्त किए 22 महत्वपूर्ण पार्किंग ठेके
- वाहन चोरों को दे दिया सुनहरा मौका,लेकिन शहर में बढ़ गई ट्रैफिक जाम की समस्या
- जिन आधारों पर पार्किंग ठेके दिए नहीं उन पर निरस्तीकरण कैसे?
Election in Lucknow 2022: राजधानी में ऐन चुनाव से पहले शहर की एक बड़ी समस्या पर कोई बात नहीं हो रही है। किसी भी राजनीतिक दल ने इस समस्या पर ध्यान तक नहीं दिया। गौरतलब है कि लखनऊ नगर निगम की कार्यशैली से शहरवासी पहले ही बखूबी वाकिफ हैं,अब ऐसे में जनता के पास मौका अच्छा है कि वह नगर निगम से जुड़ी इस बड़ी समस्या को चुनावी मुद्दा बना सकती है। राजधानी में पार्किंग एक बड़ी समस्या है जिसके चलते पूरे शहर में भीषण ट्रैफिक जाम की दिक्कत जनता को हर दिन झेलनी पड़ती हैं। शहर के शाॅपिंग माल, मार्केट और अस्पतालों में पार्किंग की काफी समस्या रहती है।
लखनऊ नगर निगम द्वारा शाॅपिंग माल हाॅस्पिटल और मार्केटों के बाहर ठेके पर संचालित होने वाली दर्जनों पार्किंग भी अब कई स्थानों पर बंद हो चुकी हैं। इस सम्बंध में जब नगर निगम से जुड़े ठेकेदार से तरूणमित्र संवाददाता ने बात की तो नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि राजधानी के शाहनजफ रोड स्थित सहारागंज शाॅपिंग माल में कुछ समय पहले माल के बाहर बनी पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को लेकर गाड़ी स्टैण्ड संचालक व ग्राहक में विवाद हुआ था जिसमें माल के कर्मचारियों से भी कहा-सुनी हो गई थी,जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था।
इसी का फायदा उठाते हुए नगर निगम में बैठे अधिकारियों ने अन्दरखाने एक फरमान जारी करते हुए बीते अगस्त माह में नगर आयुक्त अजय द्विवेदी द्वारा नगर विकास विभाग के आदेशों के अनुरूप पार्किंग स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं न होने का हवाला देते हुए सहारागंज माल सहित लखनऊ के 22 स्थलों पर पार्किंग निरस्त कर दी थी। आगे बताया कि नगर निगम ने पार्किंग निरस्त करने की वजह यह बताई थी कि जहां-जहां पार्किंग है वहां पीने के पानी, शौचालय और टीन शेड की व्यवस्था नहीं है इसलिए पार्किंग ठेके निरस्त किए गए हैं।
आगे कहा पहले तो नगर निगम ने पार्किंग के टेंडर उठा दिये और ठेकेदारों से लाखों रुपए जमा करा लिए गए और बाद में पार्किंग निरस्त कर दी गई इससे हमें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ठेकेदारों ने कहा कि जिन आधारों पर पार्किंग ठेके दिए नहीं उन पर निरस्तीकरण कैसे सम्भव है? जबकि पार्किंग स्थल पर मूलभूत सुविधाएं देना नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह पेयजल, शौचालय और टीन शेड की व्यवस्था खुद करे न कि हमारे ठेके ही निरस्त कर दे।
Election in Lucknow 2022: नगर निगम ठेकेदार क्या बोले
इसके बाद कहा कि अगर नगर निगम हम ठेकेदारों से कहता तो हम लोग खुद ही पानी, शौचालय और टीन शेड की व्यवस्था करवा देते। पार्किंग में वैसे इन सब चीजों की ज्यादा ज़रूरत नहीं है लोग आते हैं और अपनी गाड़ियां खड़ी करके चले जाते हैं ,वहां कोई रूकता थोड़ी है जो उसे पानी शौचालय और टीन शेड की ज़रूरत हो ये सब नगर निगम में बैठे अधिकारियों की मनमानी है। गौरतलब है कि पार्किंग ठेकेदार ने यह भी बताया कि ठेके निरस्त करने की जानकारी सरकार और विभागीय मंत्री तक को नहीं है ।ये खेल सिर्फ नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी खेल रहे हैं।
Election in Lucknow 2022: लखनऊ के शाॅपिंग माल, हाॅस्पिटल, बाजारों में सड़क किनारे पार्किंग ठेके निरस्त होने के बाद भी कुछ स्थानों पर चोरी-छुप्पे अवैध रूप से पार्किंग चल रही हैं। साथ ही पार्किंग सुचारू व्यवस्था न होने से ऐसे स्थानों पर भीषण ट्रैफिक जाम लगा रहता है।जिससे राहगीरों को यहां से निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस बारे में जब नगर निगम के कर अधीक्षक कुलदीप अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हां, अभी पार्किंग निरस्त चल रही है।आगे बोले कि हम अभी करीब एक माह पहले कार्यभाल संभाला है।अब प्रशासन का जो आदेश होगा तब पार्किंग चालू की जाएगी।इस बारे में हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते।
अब ऐसे में ऐन चुनाव से पहले नगर निगम में बैठे अधिकारी सरकारी की किरकरी करा रहे हैं तो इससे कहीं न कहीं भाजपा को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। बता दें लखनऊ में जिन 22 पार्किंग स्थलों के ठेके निरस्त किये गये थे उनमें शाहनजफ रोड स्थित सहारागंज के सामने पार्किंग, चिड़ियाघर के बाहर की पार्किंग, अमीनाबाद मंदिर रोड, त्रिलोकनाथ रोड स्थित जनपथ मार्केट के बाहर, मीराबाई मार्ग स्थित श्रीराम टॉवर के बाहर, ग्लोब मेडिकेयर निराला नगर, विवेकानन्द हास्पिटल, फातिमा हास्पिटल, सरकार डायग्नोसिटीक सेन्टर के सामने,प्रगति बाजार कपूरथला,फन मॉल गोमती नगर, एसआरएस मॉल, सिनेपालिस मॉल, मेयो हास्पिटल,चन्दन हास्पिटल,प्लासियों मॉल,लोहिया हास्पिटल गोमती नगर, कानपुर रोड स्थित विशाल मेगामार्ट, विशाल मेगामार्ट आशियाना, मेगामार्ट टेढी पुलिया,आरटीओ ऑफिस टान्सपोर्ट नगर,टान्सपोर्ट नगर स्थित मोरंग पार्किंग संख्या छह व पार्किंग संख्या आठ को निरस्त करते हुए बन्द करा दिया है।
गौरतलब है कि ऐसा लगता है कि राज्य में नयी सरकार बनने की सम्भावना को देखते हुए नगर निगम में बैठे भ्रष्ट अधिकारी नये ठेकेदारों को ठेका देकर दोबारा पैसा वसूली करने के खेल में जुटे हैं लेकिन इससे आम जनता को होने वाली परेशानियों के आलावा पुराने ठेकेदारों की नाराजगी का मामला कभी भी न्यायलय की चौखट पर पहुंच सकता हैं।