प्रेस कांफ्रेंस के बदले रकम लेने का झूठा आरोप: अमित भारद्वाज

पिछले दिनों क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम की जमीनों को लीज पर देने के मामले में किये गये भ्रष्टाचार के विरुद्ध आमरण अनशन करने वाले हिन्दू स्वाभिमान परिषद के अध्यक्ष अमित भारद्वाज इन दिनों चर्चाओं में हैं… उनपर आरोप है कि वो जैन समाज के एक मामले में कुछ रकम लेकर पत्रकार वार्ता किये और उस मुद्दे में नियम विरुद्ध जैन समाज का सहयोग कर रहे हैं।

इतना ही नहीं उनपर आरोप यह भी है कि क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम की जमीनों को लीज पर देने के मामले में जनवरी माह में किये गये आमरण अनशन को खत्म करने के एवज में भी दो लाख रुपये लिये थे।

क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम में किये गये अनशन को खत्म हुये लगभग दो माह होने को हैं ऐसे में यह मामला तब गरमाया है जब पीड़ित जैन समाज के पक्ष में हिन्दू स्वाभिमान परिषद द्वारा आवाज उठाई गई…

आपको बता दें कि क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम की जमीनों में हो रहे भ्रष्टाचार का मामला विधान परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे द्वारा उठाया गया है…

अब जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है…

दरअसल सरस्वती लोक कालोनी में बनाये गये जैन चैत्यालय को लेकर एक मामले में हिन्दू स्वाभिमान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भारद्वाज ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि 48 जैन परिवार कालोनी से पलायन करना चाह रहे हैं… उसका कारण है कालोनी के रहने वाले अधविक्ता दसमीत ओबेराय…

दसमीत चाहते हैं कि जैन चैत्यालय कालोनी में संचालित न किया जाये, उनका कहना है कि आवासीय जमीन पर मंदिर बनाना कानून के अनुसार उचित नहीं है और चैत्यालय के लिये लगाया गया जनरेटर प्रदूषण मानकों पर खरा नहीं उतरता…

इस मामले में जब दो मार्च को हिन्दू स्वाभिमान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भारद्वाज ने जैन चैत्यालय के समर्थन में पत्रकार वार्ता आयोजित की तो अधिवक्ता दसमीत ओबेरॉय को नागवार गुजरा…

और इसके बाद उन्होंने भी पत्रकार वार्ता की और इसमें उन्होंने आरोप लगाते हुये बताया कि अमित भारद्वाज ने उक्त पत्रकार वार्ता जैन समाज से पैसे लेकर की है… इसी क्रम में उन्होंने क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम मामले में 13 जनवरी को तोड़े गये अनशन के बारे में भी कहा कि अमित भारद्वाज ने दो लाख रुपये लेकर अनशन समाप्त कर दिया था।

इस आरोप के बाद स्वाभिमान परिषद के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने चेतावनी जारी करते हुये कहा कि मानहानि का मुकदमा दायर कर मामले को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम कर्मचारी संघ के मंत्री प्रेमचंद्र ने भी पंडित अमित भारद्वाज पर जगाये गये आरोपों को निराधार बताया है…
बाईट

उधर जैन समाज के लोगों का कहना है… कि मंदिर एक साल से संचालित है जहां पर समाज के लोगों द्वारा कालोनीवासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर आयोजन किये जाते हैं… तथा अधिवक्ता दसमीत ओबेरॉय केवल निजी हितों को ध्यान में रखकर मामले में इंटरेस्ट लेते हैं… हिन्दू स्वाभिमान परिषद के पदाधिकारी सुशील वर्मा का कहना है कि अधिवक्त दसमीत ओबेरॉय जैन समाज से रुपयों की मांग करता है…

अब देखना यह है कि आरोप–प्रत्यारोप के बाद इसका परिणाम क्या होता है… बहरहाल इस समाचार के बारे में अपनी राय अवश्य बतायें… फालो व सब्सक्राइब करें…