तेहरान। ईरान ने दमिश्क स्थित अपने दूतावास पर हमले के बाद आक्रोश जताया है वहीं ईरान की इलीट फोर्स रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी ने दमिश्क हमले के लिए इजरायल से बदला लेने की हुंकार भरी है। इतना ही नहीं वहीं पूरे देश में इस घटना को लेकर गुस्सा है। इस हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड के दो वरिष्ठ जनरलों समेत सात अधिकारी मारे गए थे। मारे गए अन्य लोगों में चार सीरियाई नागरिक और लेबनान के हिजबुल्ला का एक लड़ाका भी था।
इन अधिकारियों के अंतिम संस्कार में शुक्रवार को हजारों लोग शामिल होकर इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए, जबकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनका देश दशकों से ईरान का छेड़ा छद्म युद्ध झेल रहा है लेकिन अब किसी भड़काऊ कदम को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसलिए ईरान संयम बरते। ईरानी दूतावास पर हमले के विरोध में राजधानी तेहरान और अन्य शहरों में जुलूस निकाले गए और इजराइल के विरोध में नारेबाजी की गई। तेहरान विश्वविद्यालय में हुई सभा को रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर सलामी ने संबोधित करता हुए कहा, किसी भी हमले का जवाब दिए बगैर नहीं रहा जाएगा। अल्लाह के आशीर्वाद से इजराइल में यहूदियों की सत्ता का बहुत जल्द खात्मा होगा।
जनरल सलामी ने कहा कि अमेरिका मुस्लिम बहुल देशों से घृणा करता है, हाल के महीनों में यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है। अमेरिका के समर्थन से ही इजराइल गाजा में नरसंहार और पड़ोसी देशों पर हमले कर रहा है। इससे पहले हमले में मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड के दो जनरलों और पांच अधिकारियों के शव पूरे सम्मान से सेना के ट्रक से कब्रिस्तान ले जाया गया। ईरानी दूतावास में मारे गए अधिकारियों का अंतिम संस्कार और विरोध प्रदर्शन संयोग से उसी दिन हुआ जिस दिन ईरान फलस्तीनियों के समर्थन में यरुशलम डे मनाता है।
रमजान के महीने में शुक्रवार के महत्व और ईरान में उबाल ले रहीं भावनाओं के मद्देनजर इजराइल इन दिनों सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्कता बरत रहा है। इजराइली सेना ने अपने लड़ाकू दस्तों और वायुसेना को हाई अलर्ट पर कर दिया है। पता चला है कि हमलावर मिसाइलों और ड्रोन को भ्रमित करने के लिए इजरायल ने जीपीएस सिस्टम को भी बाधित किया है। विदित हो कि ईरान समर्थित हमास, हिजबुल्लाह और हाउती विद्रोही इजरायल के खिलाफ पहले से ही लड़ाई छेड़े हुए हैं।