- मैं सभी लोगों से एंटी-कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक लेने का आग्रह करता हूं : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश की नारी शक्ति को आजादी के अमृतकाल में राष्ट्र शक्ति के रूप में सामने लाना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार देश में महिलाओं के सामने आ रही हर बाधा को दूर करने का प्रयास कर रही है, जो उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के वलसाड जिले में श्रीमद राजचंद्र मिशन, धर्मपुर की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कोरोना की मुफ्त प्रीकॉशन डोज लगवाने की अपील करते हुए कहा, “मैं सभी लोगों से एंटी-कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक लेने का आग्रह करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने श्रीमद राजचंद्र मिशन के साथ अपने जुड़ाब को याद करते हुए कहा कि जब वे यह नाम सुनते हैं तो उनका मन मिशन से जुड़े लोगों के प्रति सम्मान से भर जाता है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश को इसी कर्तव्य भाव की सबसे ज्यादा जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश अपनी उन संतानों को याद कर रहा है, जिन्होंने भारत को गुलामी से बाहर निकालने के लिए प्रयास किए। श्रीमद् राजचंद्र ऐसे ही संत थे जिनका एक विराट योगदान इस देश के इतिहास में है।
श्रीमद् राजचंद्र को लेकर महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूज्य बापू ने कहा था कि हमें शायद कईं जन्म लेने पड़ेंगे, लेकिन श्रीमद के लिए एक ही जन्म काफी है। उन्होंने मिशन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूज्य गुरुदेव के नेतृत्व में श्रीमद् राजचंद्र मिशन, गुजरात में ग्रामीण आरोग्य के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य कर रहा है।
महिला सशक्तिकरण को लेकर श्रीमद् राजचंद्र के विचारों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे शिक्षा और कौशल से बेटियों के सशक्तिकरण के बहुत आग्रही थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नारीशक्ति को आज़ादी के अमृतकाल में राष्ट्रशक्ति के रूप में सामने लाना हम सभी का दायित्व है।
केंद्र सरकार आज बहनों-बेटियों के सामने आने वाली हर उस अड़चन को दूर करने में जुटी है, जो उसे आगे बढ़ने से रोकती है। उन्होंने कहा कि आज भारत स्वास्थ्य की जिस नीति पर चल रहा है उसमें हमारे आसपास के हर जीव के आरोग्य की चिंता है। भारत मनुष्य-मात्र की रक्षा करने वाले टीकों के साथ ही पशुओं के लिए भी राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान चला रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अध्यात्म और सामाजिक दायित्व दोनों कैसे एक दूसरे के पूरक हैं, श्रीमद राजचंद्र जी का जीवन इसका प्रमाण रहा है। उन्होंने अध्यात्म और समाजसेवा की भावना को एकीकृत एवं मजबूत किया, इसलिए उनका प्रभाव आध्यात्मिक और सामाजिक हर लिहाज से गहरा था।