सर्दियों में शुगर और ब्लड प्रेशर पर रखें काबू: डॉ. सौरभ गोयल

डायबिटीज और हाई बीपी के मरीजों को कितना सतर्क रहना चाहिए। सही खानपान, नियमित व्यायाम, विशेषज्ञों की सलाह, और ठंड से बचाव के उपायों को अपनाकर आप इस चुनौतीपूर्ण मौसम को स्वस्थ और आनंदमय बना सकते हैं।

बरेली। सर्दियों का मौसम सेहत के लिए एक कठिन समय हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज (शुगर) और हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) से पीड़ित हैं। ठंड में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, रक्त संचार प्रभावित होता है, और भोजन की आदतों में बदलाव आ सकता है। इन सभी कारकों का ब्लड शुगर और बीपी के स्तर पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इस विषय पर टेलीग्राम संवाद के वरिष्ठ संवाददाता आरके गौड़ ने शहर के जाने माने श्री संत हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजिशियन चिकित्सक डॉ. सौरभ गोयल से विस्तार से बातचीत की उस बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार से है..

वरिष्ठ फिजिशियन चिकित्सक डॉ. सौरभ गोयल के अनुसार, “सर्दी के मौसम में डायबिटीज और बीपी के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सही जीवनशैली, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम से इन दोनों समस्याओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।”

  1. डायबिटीज और बीपी के मरीजों के लिए सामान्य स्तर
    ब्लड शुगर के सामान्य स्तर
    फास्टिंग ब्लड शुगर: 70-100 mg/dL
    खाने के बाद का स्तर: 140 mg/dL से कम
    HbA1c (3 महीने का औसत): 6.5% से कम
    ब्लड प्रेशर के सामान्य स्तर
    सामान्य: 120/80 mmHg
    प्री-हाइपरटेंशन: 120-139/80-89 mmHg
    हाइपरटेंशन: 140/90 mmHg से अधिक
  2. सर्दी में शुगर और बीपी को नियंत्रित करने के उपाय
    (A) खानपान का महत्व
    सर्दियों में आहार में बदलाव करना बेहद जरूरी है। सही भोजन से शरीर का मेटाबॉलिज्म सक्रिय रहता है और रक्त शर्करा व प्रेशर संतुलित रहते हैं।

क्या खाएं?

हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक, मेथी, सरसों का साग, और ब्रोकली। ये सब्जियाँ फाइबर से भरपूर होती हैं और शुगर के स्तर को नियंत्रित करती हैं।

सर्दियों के मौसमी फल: अमरूद, जामुन, संतरा, आंवला।
इनमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं।

ड्राई फ्रूट्स और बीज:
बादाम, अखरोट, अलसी, और कद्दू के बीज।
ये ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं।
जटिल कार्बोहाइड्रेट:
बाजरा, जौ, और रागी।
ये धीरे-धीरे पचते हैं और ब्लड शुगर में अचानक वृद्धि नहीं करते।

मसाले:
हल्दी, दालचीनी, और अदरक।
ये सूजन को कम करने और ब्लड शुगर व बीपी को संतुलित करने में मदद करते हैं।

क्या न खाएं?

मीठे पदार्थ: मिठाइयाँ, चीनी, और प्रोसेस्ड फूड।
तले-भुने भोजन: समोसा, पकौड़ा, और चिप्स। सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक।
शुगर में शलजम , गाजर, चुकंदर न खाएं

(B) नियमित व्यायाम
ठंड में सक्रिय रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन शारीरिक गतिविधि से ब्लड शुगर और बीपी नियंत्रण में रहते हैं।

हल्की धूप में टहलना।
योग और प्राणायाम: अनुलोम-विलोम, कपालभाति।
इंडोर एक्सरसाइज: स्ट्रेचिंग और हल्के वजन उठाना।

(C) हाइड्रेशन
ठंड में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को हाइड्रेट रखना आवश्यक है।

गुनगुना पानी पिएं। सूप, हर्बल टी, और नींबू पानी लें।

शुगर और बीपी के मरीजों के लिए सर्दियों में विशेष सावधानियाँ

  • गर्म कपड़े पहनें।
  • ठंड से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है।
  • इंफेक्शन से बचाव करें।
  • हाथ धोने और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • तनाव से बचें।
  • ध्यान और मेडिटेशन करें।
  • दवाइयाँ समय पर लें।
  • डॉक्टर की सलाह से दवाओं की डोज कम या ज्यादा न करें।
  • ब्लड शुगर और बीपी की नियमित निगरानी करें।

विशेषज्ञों की राय

वरिष्ठ फिजिशियन वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सौरभ गोयल बताते है कि “डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए सर्दी में खासतौर पर सावधानी बरतना आवश्यक है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे बीपी बढ़ सकता है। इसके अलावा, कम शारीरिक गतिविधि और अधिक कैलोरी युक्त भोजन से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।”

उनके सुझाव:

  • दिनचर्या को व्यवस्थित रखें।
  • किसी भी प्रकार के असामान्य लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • दवा, आहार और व्यायाम का संतुलन बनाए रखें।
  • सर्दियों में तनाव और नींद का ध्यान रखें
  • तनाव ब्लड शुगर और बीपी दोनों को बढ़ा सकता है।
  • सर्दियों में कम रोशनी और ठंड के कारण नींद पर भी प्रभाव पड़ता है।
  • रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।

सर्दियों में शुगर और बीपी मरीजों के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता क्यों होती है?

(A) ठंड का प्रभाव

मेटाबॉलिज्म पर असर: सर्दियों में शरीर अधिक ऊर्जा खर्च करता है, जिससे भूख बढ़ सकती है।
अधिक खाने की प्रवृत्ति ब्लड शुगर और बीपी को असंतुलित कर सकती है।

ब्लड सर्कुलेशन में बाधा: ठंड के कारण रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
इम्यूनिटी का कमजोर होना: सर्दियों में सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों का खतरा अधिक रहता है। डायबिटीज और हाई बीपी के मरीजों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है।

(B) क्यों बढ़ता है जोखिम?

डायबिटीज और बीपी मरीजों में ठंड के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान कम होना) से बचना जरूरी है, क्योंकि यह इन मरीजों में जटिलताएँ पैदा कर सकता है।

भोजन में विविधता: पोषण का महत्व
सर्दियों में आहार के नए पहलू

घरेलू आयुर्वेदिक उपाय: अदरक, काली मिर्च, तुलसी, और लौंग जैसे मसाले इम्यूनिटी बढ़ाने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

सर्दियों की विशेष सब्जियाँ: शलजम, मूली, गाजर, और चुकंदर का सेवन करें। ये फाइबर और आयरन से भरपूर होती हैं।

प्रोटीन का सही स्रोत: प्रोटीन से भरपूर मूंग दाल का सूप, लो-फैट दूध, और अंडे का सफेद भाग लें।
लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ: जई (ओट्स), क्विनोआ, और साबुत अनाज के विकल्प को प्राथमिकता दें।

भोजन का समय और संयम

दिन में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। रात का भोजन हल्का और जल्दी करें।

सर्दियों में हार्ट केयर और बीपी प्रबंधन

(A) बीपी को नियंत्रित रखने के उपाय
कम नमक का सेवन करें:
अधिक नमक से बीपी बढ़ सकता है। सर्दियों में यह विशेष रूप से ध्यान दें।
पोटैशियम से भरपूर आहार:
केला, संतरा, पालक, और दालें पोटैशियम का अच्छा स्रोत हैं, जो बीपी नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।

(B) कोलेस्ट्रॉल और बीपी का संबंध
ठंड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मछली और अखरोट लें।
ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट से बचें।

सर्दियों में ब्लड शुगर लेवल के उतार-चढ़ाव को कैसे संभालें?

(A) ग्लूकोमीटर से नियमित निगरानी
हर सुबह खाली पेट और मुख्य भोजन के बाद ब्लड शुगर की जांच करें।
अचानक गिरावट (हाइपोग्लाइसीमिया) या वृद्धि (हाइपरग्लाइसीमिया) से बचने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

(B) इमरजेंसी की तैयारी
हमेशा अपने पास ग्लूकोज टैबलेट या मिठाई रखें।
हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों जैसे कमजोरी, पसीना, और चक्कर आने पर तुरंत कुछ मीठा खाएं।

सर्दियों में डायबिटिक फुट केयर का ध्यान रखें

(A) डायबिटीज के मरीजों के लिए पैर की देखभाल
ठंड में पैर सूख सकते हैं, जिससे क्रैक और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
मोजे पहनें और मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।
हर दिन अपने पैरों की जांच करें, खासकर यदि आप न्यूरोपैथी से पीड़ित हैं।

(B) जूते और मोजे का चुनाव
गद्देदार और आरामदायक जूते पहनें।
ऊनी मोजे पहनें लेकिन बहुत टाइट मोजे से बचें।

सर्दियों में मानसिक स्वास्थ्य और इसकी भूमिका

(A) मौसम का प्रभाव
सर्दियों में “सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD)” के कारण उदासी और तनाव बढ़ सकता है।
तनाव का सीधा प्रभाव ब्लड शुगर और बीपी पर पड़ता है।

(B) तनाव प्रबंधन
मेडिटेशन और योग करें।
हर दिन 20 मिनट धूप में बैठें।
पॉजिटिव सोच बनाए रखें और जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सक से सलाह लें।

  1. वरिष्ठ फिजिशियन की सलाह
    सर्दियों में नियमित चेकअप
    हर 15 दिन में ब्लड शुगर और बीपी की जांच करवाएं।
    लिपिड प्रोफाइल और किडनी फंक्शन टेस्ट भी नियमित करवाएं।

व्यक्तिगत सलाह
डॉ. सौरभ गोयल कहते हैं, “प्रत्येक मरीज की स्थिति अलग होती है। इसलिए व्यक्तिगत आहार योजना और दवाइयों की डोज के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।”

सर्दियों में सामाजिक और भावनात्मक सहयोग का महत्व।

  • परिवार और मित्रों का सहयोग
  • शुगर और बीपी के मरीजों को भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है।
  • परिवार के साथ स्वस्थ भोजन करें और नियमित वॉक पर जाएं।
  • मोटिवेशन और अनुशासन
  • खुद को प्रेरित रखें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए अनुशासन बनाए रखें।

सर्दियों में हार्मोनल असंतुलन और इसका प्रभाव

“सर्दियों में हार्मोनल बदलाव शरीर पर गहरा प्रभाव डालते हैं। ठंड के कारण कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ सकता है, जिससे ब्लड शुगर और बीपी में उतार-चढ़ाव होता है। साथ ही मेलाटोनिन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन का स्तर भी बदलता है, जो मूड और नींद को प्रभावित कर सकता है।”

उपाय:

  • तनाव को नियंत्रित करने के लिए नियमित मेडिटेशन करें।
  • नींद के समय को निर्धारित रखें और हर रात कम से कम 7-8 घंटे सोएं।
  • हेल्दी फैट (जैसे अलसी के बीज और एवोकाडो) का सेवन करें, जो हार्मोन बैलेंस में मदद करता है।

सर्दियों में दिल के दौरे और स्ट्रोक का बढ़ा खतरा

“सर्दियों में ठंड के कारण रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को दोगुना कर सकता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से डायबिटीज और हाई बीपी है।”

बचाव के तरीके:

  • अधिक ठंड में बाहर निकलने से बचें।
  • भारी भोजन के तुरंत बाद सोने से बचें।
  • नियमित रूप से एंटि-हाइपरटेंसिव दवाओं का सेवन करें।

फिजिकल एक्टिविटी में निरंतरता बनाए रखें
विशेषज्ञ की राय:

“सर्दियों में लोग आलस्य और ठंड के कारण फिजिकल एक्टिविटी से बचने लगते हैं। यह वजन बढ़ने, ब्लड शुगर और बीपी के बढ़ने का कारण बन सकता है।”

सुझाव:

  • सुबह के समय हल्की धूप में टहलें।
  • इंडोर एक्सरसाइज (जैसे योग और स्ट्रेचिंग) को दिनचर्या में शामिल करें।
  • घर के छोटे-छोटे काम (जैसे सीढ़ियाँ चढ़ना या गार्डनिंग) करें।

ठंड से बचाव के लिए घरेलू उपाय

  • सर्दी में शरीर को गर्म रखने के लिए:
  • गर्म ताजे भोजन का सेवन करें।
  • अदरक, तुलसी, और काली मिर्च की चाय पिएं।
  • गर्म पानी से स्नान करें और शरीर को मॉइस्चराइज़ करें।
  • सर्दियों में ठंड से बचने के लिए हल्दी वाला दूध, काढ़ा, और गर्म मसालों का सेवन करें। ये शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं।”

विटामिन डी की भूमिका और सर्दियों में इसकी कमी “सर्दियों में धूप की कमी के कारण विटामिन डी का स्तर गिर सकता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं और मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है।”

समाधान:

हर दिन सुबह की धूप में कम से कम 20-30 मिनट बिताएं।
विटामिन डी सप्लिमेंट्स डॉक्टर की सलाह से लें।
विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे अंडे, मछली, और मशरूम) का सेवन करें।

महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष सुझाव

“महिलाओं और बुजुर्गों में हार्मोनल बदलाव और कमजोर इम्यूनिटी के कारण सर्दी के दौरान ब्लड शुगर और बीपी नियंत्रण में मुश्किल होती है।”

सुझाव:

  • महिलाओं को आयरन और कैल्शियम युक्त भोजन पर ध्यान देना चाहिए।
  • बुजुर्गों को अधिक गर्म कपड़े पहनने और खुद को हाइड्रेट रखने की सलाह दी जाती है।
  • नियमित मेडिकल चेकअप करवाएं।

सर्दियों में इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएँ?

“डायबिटीज और हाई बीपी के मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। ठंड में सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।”

उपाय:

आंवला, संतरा, और अन्य विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें।
प्रोबायोटिक युक्त दही और छाछ पिएं।
हल्दी, अदरक, और गार्लिक का नियमित उपयोग करें।

किडनी और लीवर का ध्यान रखना भी जरूरी है
“डायबिटीज और हाई बीपी का सीधा असर किडनी और लीवर पर पड़ता है। ठंड में पानी कम पीने की वजह से किडनी से संबंधित समस्याएँ बढ़ सकती हैं।”

सुझाव:

दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं।
ज्यादा नमक वाले आहार से बचें।
अल्कोहल और सिगरेट का सेवन पूरी तरह बंद करें।

सर्दियों में हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट से बचाव
“डायबिटीज के मरीजों में नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी) के कारण ठंड का असर जल्दी महसूस नहीं होता, जिससे हाइपोथर्मिया या फ्रॉस्टबाइट का खतरा बढ़ सकता है।”

बचाव:

हमेशा गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवा से बचें।
सिर, हाथ, और पैरों को विशेष रूप से कवर करें।
अत्यधिक ठंड में लंबे समय तक बाहर न रहें।

सर्दी का मौसम सेहत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का एक अच्छा समय भी है। शुगर और बीपी के मरीज अगर विशेषज्ञों की सलाह को मानकर जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करेंगे, तो इस मौसम को बेहतर तरीके से जी सकते हैं।

डायबिटीज और हाई बीपी के मरीजों को कितना सतर्क रहना चाहिए। सही खानपान, नियमित व्यायाम, विशेषज्ञों की सलाह, और ठंड से बचाव के उपायों को अपनाकर आप इस चुनौतीपूर्ण मौसम को स्वस्थ और आनंदमय बना सकते हैं।