- मुंबई।
बंबई उच्च न्यायालय ने स्वयं को फिल्म समीक्षक बताने वाले कमाल आर खान को फिल्म अभिनेता सलमान खान या उनकी कंपनियों पर कोई भी टिप्पणी करने से रोकने के एक निचली अदालत के अंतरिम आदेश के खिलाफ याचिका पर बॉलीवुड अभिनेता को नोटिस जारी किया है।
कमाल खान ने अपनी याचिका में कहा है कि फिल्म दर्शकों को किसी फिल्म या उसके चरित्रों के बारे में टिप्पणियां करने से रोका नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि निचली अदालत को इस प्रकार का आदेश पारित नहीं करना चाहिए था और अदालत उन्हें सलमान खान के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां करने से रोक सकती है, लेकिन वह उनकी फिल्मों की निष्पक्ष आलोचना करने से उन्हें नहीं रोक सकती।
न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की एकल पीठ ने सलमान, उनकी प्रोडक्शन कंपनी सलमान खान वेंचर्स और कई सोशल मीडिया मध्यस्थों को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किए और उन्हें इस पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस याचिका पर अब दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी। कमाल खान ने इस साल जून में पारित किए गए मुंबई की एक अदालत के अंतरिम आदेश को चुनौती दी है। सलमान की फिल्म ‘राधे’ को लेकर कमाल की टिप्पणियों और उनके कुछ औरवीडियो और टिप्पणियों को लेकर बॉलीवुड अभिनेता ने कमाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसके बाद यह अंतरिम आदेश पारित किया था।
कमाल ने वकील मनोज गडकरी के जरिए उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में दावा किया कि निचली अदालत का अंतरिम आदेश ‘‘चुप कराने के आदेश’’ के समान है। कमाल ने कहा कि वह एक फिल्म समीक्षक हैं और उन्होंने ‘राधे’ की निष्पक्ष आलोचना की थी, जिसमें ‘‘55 साल के सलमान ने एक किशोर की तरह अभिनय किया है’’।
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि निचली अदालत का आदेश एक फिल्म समीक्षक के रूप में अपना काम करने के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन कर रहाहै और उन्हें अपनी आजीविका अर्जित करने से रोक रहा है। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि उन्होंने सलमान खान या उनकी फिल्मों को बदनाम करने के इरादे से कोई टिप्पणी नहीं की या कोई वीडियो और ट्वीट पोस्ट नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘निचली अदालत को यह ध्यान रखने में विफल नहीं होना चाहिए था कि किसी फिल्म के दर्शक को फिल्म या फिल्म के पात्रों पर कोई टिप्पणी करने या यह कहने से नहीं रोका जा सकता कि फिल्म में अभिनेता हिट या फ्लॉप हैं।’’ उन्होंने अपनी अपील में यह भी दावा किया कि निचली अदालत ने अंतरिम आदेश पारित करने में ‘‘घोर त्रुटि’’ की थी और यह आदेश ‘‘अवैध’’ है।
सलमान खान और कुछ अन्य प्रतिवादियों के वकीलों ने उच्च न्यायालय को बताया कि उन्हें कमाल खान की अपील की प्रतियां बुधवार देर रात मिलीं और उन्होंने अपने मुवक्किलों से निर्देश लेने के लिए समय मांगा।