अस्पताल संचालक के प्लाट पर भू-माफिया की नजर

  • किया कब्जा का प्रयास, तोड़े प्लॉट के ताले
  • सत्ता में मौजूद राज्यमंत्री पर संरक्षण देने का आरोप
  • दो माह बाद भी पुलिस खाली हाथ, कार्रवाई जीरो
  • मेरठ, संवाददाता

जनपद में भू-माफियाओं का आतंक जारी है, इनके निशाने पर कभी जमीन का खाली पड़ा प्लॉट होता है तो कभी वर्षों से चली आ रही विवादित संपत्ति। एक ऐसा मामला मेरठ में सामने आया है जो न केवल सत्ता से सीधा कनेक्शन होने का संकेत देता है बल्कि यह बताता है कि यदि व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर हो तो उसे दोषी सिद्ध करने में चंद लम्हे ही काफी हैं।

क्या है मामला?

मेरठ के गढ़ रोड स्थित मेडिकल थानाक्षेत्र में तक्षशिला कालोनी है जहां पर ऑन रोड ही डॉ मनोज कुमार सैनी का प्लॉट है। आरोप है कि गत पांच मई को रोहित सिंह, राजू भड़ाना, राजेंद्र सिंह, हेमन्त गुर्जर, पुनीत के साथ इन्तजार ने मिलकर उनके खाली पड़े प्लॉट पर अवैध कब्जा करने की नियत से ताला तोड़ दिया और मौके पर मौजूद डीवीआर व सीसीटीवी आदि तोड़ डाले व इनवर्टर बैटरी व अन्य सामान चोरी कर ले गये। यह सब घटना पास ही लगे एक दूसरे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जिसकी फुटेज पुलिस को उपलब्ध करा दी गई है।

सूचना मिलने पर जब डॉ मनोज कुमार सैनी की पत्नी मौके पर पहुंची तो उक्त आरोपियों ने प्लाट को अपना बताते हुये गाली-गलौज की और अभद्रता की। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई तो पुलिस ने मौका मुआयना किया और आरोपियों के विरुद्ध थाना मेडिकल में मुकदमा पंजीकृत कराया गया।

मुकदमा तहरीर के अनुसार नहीं है

डॉ मनोज कुमार सैनी का आरोप है पुलिस ने मुकदमा दी गई तहरीर के अनुसार दर्ज नहीं की है और आरोपियों से मिलीभगत कर तहरीर बदलवाकर एक आरोपी का नाम बाहर कर दिया जबकि एक मनगढ़न्त आरोपी का नाम शामिल कर दिया है।

दो माह में कार्रवाई शून्य

मुकदमा दर्ज किये हुये दो माह होने को हैं और ऐसे में पुलिस ने अभी तक कोई खास कार्रवाई नहीं की है। आरोपी लगातार डॉक्टर दंपत्ति को डरा व धमका रहे हैं।

तहसील व नगर निगम के अधिकारी भी शामिल

इस पूरे प्रकरण में कानून के विरुद्ध डाॅक्टर दंपत्ति को नोटिस भेजे जा रहे हैं और उनके जवाब की तारीख तय की जा रही है जिसके कारण डॉक्टर मनोज सैनी व उनका परिवार मानसिक दबाव में है। आपको बता दें कि तक्षशिला कालोनी में भूखण्ड संख्या ए-वन खसरा संख्या 968 के मालिक डॉ मनोज कुमार सैनी हैं, इस संपत्ति के समस्त कागजात उनके नाम पर दर्ज हैं। यहां तक की वर्ष 1985 में एमडीए द्वारा स्वीकृत नक्शा भी उनके पास मौजूद है। अधिकारी इस संपत्ति से सटी हुई संपतति को भी इसी में मिलाकर व उनके स्वामी भी इन्हें ही दिखाकर चालबाजी कर रहे हैं और बार-बार नोटिस जारी कर रहे हैं ताकि सही संपत्ति का अवलोकन न हो सके और आरोपियों को इस संदेह का लाभ मिल जाये।

सत्ता की मिलीभगत का आरोप

डॉ मनोज कुमार सैनी का आरोप है कि उनके प्लॉट पर कब्जे करने की पटकथा में सत्ता में मजबूत हाथ है। उन्होंने सरकार में एक राज्य मंत्री के दखल होने का आरोप लगाया है और बताया है कि उन्हीं के दबाव मे पुलिस अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। कप्तान से लेकर थाना स्तर के पुलिसकर्मियों तक से गुहार लगाकर थक जाने के बावजूद आरोपियों पर कोई असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है।