Lohramau Maa Bhawani Mandir Sultanpur: लोहरामऊ मां भवानी मन्दिर में नवरात्रि को लगने वाला मेला बेहद धार्मिक और मन का सकून देने वाला है। श्रद्धालुओं का ताता यह बताता है कि सुल्तानपुर के दर्शनीय स्थलों में से लोहरामऊ मां भवानी मन्दिर (Lohramau Maa Bhawani Mandir Sultanpur) का विशेष स्थान है।
यह मंदिर लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग-56 पर स्थित है और शहर से 7 किलोमीटर की दूरी पर है। लोहरामऊ में सैकड़ों वर्षों से स्थापित मां दुर्गा का यह मन्दिर केवल आस-पास के जिलों में ही नही सूबे के कई अन्य जिलों में भी खासा मशहूर है। जीवन के पवित्र संस्कारों में से एक जनेऊ व मुंडन संस्कार के लिये यहां लोगों की खास भीड़ जमा होती है।
मान्यता है कि जब भी आप विध्यांचल जाते हैं तो उससे पहले लोहरामऊ मां भवानी मन्दिर (Lohramau Maa Bhawani Mandir Sultanpur) में माथा टेकने जरूर जाना चाहिये वरना यात्रा पूरी नहीं मानी जाती।
सावन के महीने में यहां दस दिनों तक जबरदस्त मेला लगता है लेकिन नवरात्र में यहां का नजारा कुछ अलग ही रहता है। यहां पर सुहाग का सान चढ़ाने का बेहद महत्वपूर्ण परंपरा है। मुख्य पुजारी पंडित राजेन्द्र प्रसाद मिश्र बताते हैं कि यहां मां दुर्गा भवानी स्वयं साक्षत प्रकट हुई थीं। देवी मां के तीन रूपों का भी यहां दर्शन होता है।
Lohramau Maa Bhawani Mandir Sultanpur में पूरी होती है मुरादें
लोहरामऊ मां भवानी मन्दिर (Lohramau Maa Bhawani Mandir Sultanpur) में मां दुर्गा के दर्शन करने और अपनी मुरादें पूरी करने के लिए सूबे के तमाम जिलों से पूरे नवरात्र भर श्रद्धालुओं का यहां तांता लगा रहता है। महिलाओं में इसका विशेष महत्व है, उनकी हर छोटी से छोटी मनोकामना यहां पूरी होती है। नवरात्र के अंतिम दिन इस मंदिर पर खासी भीड़ जुटती है। पूरा दिन यहां यज्ञ और हवन होते रहते हैं। यहां आ कर लोग तमाम कर्मकांड कर अपने तन-मन में छुपे रोग, शोक, भय, आशंका और मनो-विकार दूर कर अपने को धन्य मानते हैं।