मेरठ। यूक्रेन में फंसी मेरठ के खरखौदा के पांची गांव की तमन्ना त्यागी रोमानिया बॉर्डर के अंदर पहुंच गई। रविवार सुबह चार बजे माता-पिता को कॉल करके जानकारी दी। उसने बताया कि सुरक्षित है। कड़ाके की ठंड में पड़ रही बर्फ के बीच करीब 30 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके तमन्ना बॉर्डर तक पहुंची। मुंडाली थाना क्षेत्र के लौटी निवासी वसीम और अब्दुल्ला शनिवार सुबह से लेकर शाम तक पोलैंड बॉर्डर पर डटे रहे। व्यवस्था ने मिलने के बाद शाम को वह यूक्रेन में लबीब शहर मैं वापस अपने फ्लैट में पहुंच गए।
सभी छात्र हैं भयभीत
किठौर निवासी आशिफ चौधरी ने बताया कि उसका बेटा अमन चौधरी खारखी विश्वविद्यालय के बेसमेंट में करीब 500 दोस्तों के साथ भयभीत माहौल में है। उनके पास बम धमाके हो रहे हैं फायरिंग की जा रही है रूसी सेना ने गैस की पाइप लाइन काट दी है। उसी दिन में एक बार भोजन मिल रहा है। किठौर के ललियाना निवासी फकीर उल इस्लाम ने बताया कि उनका बेटा फिरोज आलम शनिवार से पोलैंड बॉर्डर पर है। वह भारतीय एमबेसी का कोई भी अधिकारी नहीं है। भारत के लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा लंबी लंबी लाइन में छात्र लगे हैं। अन्य लोगों को अंदर भेजा जा रहा है।
एक बंकर में रखा गया
उन्होंने बताया कि उनका पड़ोसी आलमगीर रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच चुका है। किठौर कस्बा निवासी हाजी रहीस ने बताया कि उनकी नाती उरूज उर्फ फातिमा रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गई है उसे अंदर ले लिया गया है। राधना निवासी कारी मोहम्मद नासिर ने बताया कि उनका छोटा भाई अब्दुल खालिक यूक्रेन के धनीपरो शहर में बेसमेंट में है। वहां उन्हें एक बंकर में रखा गया है। शनिवार सुबह से रविवार दोपहर तक उनका भाई से कोई संपर्क नहीं हो सका परिवार के लोग काफी चिंतित हैं।