प्रदेश मुख्यालय पर ही सूखा पड़ा है राष्ट्रीय लोकदल का चुनावी सिम्बल

संगठन उपेक्षा की कहानी सुना रहा है,रालोद मुख्यालय पर सूखा खड़ा चुनाव चिन्ह
प्रदेश कार्यकारिणी के बिना निपट गया विधानसभा का चुनाव
लखनऊ। जिस हैंडपम्प वाले ईवीएम बटन पर अपने प्रत्याशियों को जीताने की अपील राष्ट्रीय लोकदल के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तमाम चुनावी जनसभाओं में करते नज़र आए हैं, वही चुनाव चिन्ह राष्ट्रीय लोकदल के राजधानी स्थित प्रदेश मुख्यालय परिसर में पेपानी होकर सूखा खड़ा है। हैंडपम्प को किसानों की प्रगाति और ग्रामीण विकास का प्रतीक बताने वाले जयंती चौधरी और उनकी पार्टी के नेताओं ने अपनी ही पार्टी के इस चुनावी प्रतीक की हालत को सुधाराने की कोई कोशिश नहीं की हैं। विधानसभा से चंद कदमों की दूरी पर त्रिलोकीनाथ रोड स्थित रालोद मुख्यालय पर मौजूद कुछ स्थानीय रालोद कार्यकर्ताओं से इस बारे में पूछने पर पता चला कि एक जमाने में यह हैंडपम्प यहां आने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं और दूर-दराज से आने वाली जनता के लिए भी एक उपयोगी जलस्त्रोत का काम करता था।लेकिन लम्बे समय से इससे पानी निकलता नहीं देखा गया। एक कार्यकर्ता ने कहा कि आपको पार्टी सिम्बल की चिंता पड़ी है यहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़कर पूरे उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन ही जड़ो तक सूख गया हैं। जिन नेताओं को पार्टी की चिंता नहीं हैं वे प्रागंण में लगे हैंडपम्प पर क्या ध्यान देंगे। रालोद लखनऊ के एक युवा पदाधिकारी ने बताया कि बिना प्रदेश कार्यकारिणी के ही पूरा विधानसभा चुनाव निपटा दिया गया हैं। टिकट भी दिल्ली में बैठे नेताओं ने अपनी मनमर्जी से बांट दिए हैं। अब उत्तर प्रदेश में नये चुनावी समीकरणों के नतीजे आने के बाद पार्टी की कुछ हैसियत जमीन पर नजर आए तो इस सूखे हैंडपम्प की भी कोई चिंता करें।