अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं सीएमओ की मौजूदगी में हुआ आयोजन
मिशन 2025 के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आईं
मेरठ। देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के लिए हर दिन नए.नए प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को जनपद में 1232 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। टीबी दिवस पर यह पहल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से शुरू हुई। इसी तरह मेरठ समेत प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी रोगियों को गोद लिया गया।
मेडिकल कॉलेज के नवनिर्मित लेक्चर थियेटर लाइब्रेरी एलटी काम्पलैक्स में विश्व क्षय रोग दिवस एल एल व्यास पीडी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आरभ टीबी रोग से ग्रसित 1232 टीबी मरीजों को विभिन्न संस्थाओं द्वारा गोद लिया गया। इस अवसर पर 35 बच्चों को विभिन्न संस्थााओं द्वारा पोषाहार वितरित किया गया। जिससे टीबी मरीजों को सही पोषण मिल सके तथा उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ सके।
आयोजन के दौरान चौधरी चरण सिंह विवि की कुलपति प्रो संगीता शुक्ला. ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर हमारे जिले में क्षय रोगियों को गोद लेने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। यह एक अच्छी पहल है। इससे समाज में बहुत ही धनात्मक ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास है कि क्षय रोगी भी जल्द स्वस्थ हों और अन्य स्वस्थ लोगों की तरह मुख्य धारा में जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा विवि ने 100 टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लियाहै। उन्होंने कहा कि जो लोग क्षय रोगियों को गोद ले रहे हैं वह सभी नियमित फोन कर मरीज या उसके परिजन से हालचाल लेते रहें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अखिलेश मोहन ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर समस्या है लेकिन अब इस इलाज उपलब्ध है। इससे अब डरने की जरूरत नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि जिला क्षय रोग अधिकारी सुनिश्चित करें कि टीबी मरीज के पते और संपर्क नंबर सही से दर्ज हो। इससे मरीज से आसानी से संपर्क किया जा सकेगा। सीएमओ ने कहा कि यदि आपमें या आसपास के किसी व्यक्ति में टीबी का कोई लक्षण नजर आता है तो तत्काल बलगम की जांच कराएं। उन्होंने कहा प्राइवेट चिकित्सकों को आगे आना होगा।जिससे टीबी की बीमारी को जड से 2025 तक समाप्त किया जा सकेे ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा गुलशन राय ने विश्व क्षय रोग दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है। इसे प्रारंभिक अवस्था में ही नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो जाता है। समय से इलाज शुरू नहीं होने पर यह बीमारी व्यक्ति को धीरे.धीरे मारती है। इसलिए लक्षण महसूस होते ही इलाज शुरू हो जाना चाहिए। गौरतलब है गत माह ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के जिलाधिकारियों को टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेनेए संपूर्ण इलाजए जांच व फॉलोअप संबंधी आदेश दिया था।
गोद लेने वाली संस्था मेरठ ड्रग्स एडं केमिस्ट के महामंत्री राजनीश कौशल ने कहा कि मुझे मानव सेवा की सीख अपने माता और पिता से मिली है। मैं अपने को बड़ा ही धन्य मानता हूं कि मुझे इन क्षय रोगियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है। पूरा प्रयास रहेगा कि इन रोगियों की दवा और जांच नियमित रूप चलती रहे। साथ ही टीबी मरीजों को हर महीने मूंगफली, चना, गुड़, सत्तू, सोयाबीन, समेत न्यूट्रिशिनल सप्लीमेन्ट मिलता रहे।
ग्रामीण समाज विकास केन्द्र के सचिव मेहर चंद ने कहा कि उनकी संस्था ने १० टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया उन्हे पोषण आहार वितरित किया गया। उन्होने कहा संस्था आगे भी वह प्रयास करता रहेगी ।
गोद लिए गए आयुष ने बताया कि मुझे गत२५ दिनों से क्षय रोग है। जांच के बाद दवा और निक्षय योजना से 500 रुपये प्रति माह मिल रहा है। लेकिन आज इस बात की खुशी है कि जब सब लोग मेरा इतना ध्यान देंगे तब तो मैं और जल्दी ही स्वस्थ हो जाऊंगा। मेरी तरफ से राज्यपाल महोदया को धन्यवाद कि उनकी पहल से प्रदेश के क्षय रोगियों को गोद लिया जा रहा है।
रोगी खोजों अभियान शुरू
विश्व क्षय रोग दिवस से ही क्षय रोगियों को खोजने के लिए विशेष अभियान शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा। इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सीएचओ संभालेंगे। अभियान के दौरान जिले में विभिन्न गतिविधियों के जरिए लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। अभियान के दौरान टीबी के संभावित लोगों की एचआईवी और ब्लड शुगर की जांच होगी। नमूनों की माइक्रोस्कोपी सेंटर से जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट दी जाएगी। टीबी की पुष्टि होने पर रोगी को तत्काल ही सात दिन की दवा दे दी जाएगी। सीएचओ, आशा ,टीबी मरीज को हर माह दवाएं देंगी और लगातार मॉनिटरिंग करेंगी।
इस मौके अपर निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण डा संगीता गुप्ता, संयुक्त निदेशक अंजू जोधा, मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा आर सी गुप्ता, प्रो वीसी वाई विमला, एसीएमओ डा पूजा शर्मा, जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षका डा सुमन सिरोही, डा अमित उपाध्याय , स्वंय सेवी संस्था एवं क्षय रोग विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।