Best Yoga to Increase Height: दोस्तों योग न सिर्फ हमारे जीवन को अच्छा बनाता है बल्कि हमारी अंतरात्मा को भी बैलेंस करता है। भारत से शुरू हुई यह विद्या विभिन्न ऋषि-मुनियों के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में फैली और आज पूरे विश्व में बहुत तेजी से इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। अक्सर हम अपनी बढ़ती उम्र के साथ-साथ शारीरिक लंबाई को लेकर चिंतित होते हुए दिखते हैं। कई बार हम लोग इसके लिए एलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते हैं तो कई बार आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल कर अपने कद को बढ़ाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि योग की प्रक्रियाओं में कुछ ऐसे आसन है जिनको अगर आप नियमित रूप से रोजाना अपने जीवन में उतार ले तो आपके कद न बढ़ने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। तो आज हम आपको Best Yoga to Increase Height के लिए योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको करने से आपको शारीरिक रूप से लाभ होगा साथ ही साथ आपकी लंबाई भी बढ़ेगी। यदि छोटे बच्चे आपके घर में है और आप उनके छोटे कद को लेकर परेशान हैं यहां बताए गए योगासन आपकी इस समस्या को भी खत्म कर देंगे–
1- सूर्य नमस्कार
Best Yoga to Increase Height: दोस्तों सूर्य नमस्कार योगिक व्यायाम का वह हिस्सा है जिसको करने से आपको सैकड़ों लाभ प्राप्त होते हैं। यह आसन कद बढ़ाने के लिहाज से बहुत अच्छा माना जाता है और इस आसन को करने वाले व्यक्ति में संतुलित विकास की पूर्ण संभावना पाई जाती है। सूर्य नमस्कार में कुल 12 चरण होते हैं प्रत्येक चरण अपने आप में संपूर्ण योग से जोड़ने का प्रयास करता है।
यह प्रक्रिया महिला, पुरुष, बच्चे एवं युवा व वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है।
आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥
अर्थात जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है।
इसमें प्रथम अवस्था प्रणाम मुद्रा शमिल होती है, दूसरी में हस्त उत्तानासन, तीसरी में पाद हस्तासन, चौथी अश्व संचालन आसन, पांचवी अवस्था में पर्वतासन, छठी में अष्टांग नमस्कार, सातवीं में भुजंगासन, आठवीं में पर्वतासन, नौवीं अश्व संचालन आसन, दसवीं अवस्था में पाद हस्तासन ग्यारहवीं अवस्था में हस्त उत्तानासन और बारहवीं अवस्था में प्रणाम मुद्रा शामिल हैं।
सूर्य नमस्कार कैसे करें || How to do Surya Namaskar
- दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों। नेत्र बंद करें। ध्यान ‘आज्ञा चक्र’ पर केंद्रित करके ‘सूर्य भगवान’ का आह्वान ‘ॐ मित्राय नमः’ मंत्र के द्वारा करें।
- श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। ध्यान को गर्दन के पीछे ‘विशुद्धि चक्र’ पर केन्द्रित करें।
- तीसरी स्थिति में श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकाएं। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें। माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे ‘मणिपूरक चक्र’ पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। कमर एवं रीढ़ के दोष वाले साधक न करें।
- इसी स्थिति में श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें। ध्यान को ‘स्वाधिष्ठान’ अथवा ‘विशुद्धि चक्र’ पर ले जाएँ। मुखाकृति सामान्य रखें।
- श्वास को धीरे-धीरे बाहर निष्कासित करते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिली हुई हों। पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को पृथ्वी पर मिलाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं। ध्यान ‘सहस्रार चक्र’ पर केन्द्रित करने का अभ्यास करें।
- श्वास भरते हुए शरीर को पृथ्वी के समानांतर, सीधा साष्टांग दण्डवत करें और पहले घुटने, छाती और माथा पृथ्वी पर लगा दें। नितम्बों को थोड़ा ऊपर उठा दें। श्वास छोड़ दें। ध्यान को ‘अनाहत चक्र’ पर टिका दें। श्वास की गति सामान्य करें।
- इस स्थिति में धीरे-धीरे श्वास को भरते हुए छाती को आगे की ओर खींचते हुए हाथों को सीधे कर दें। गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं। घुटने पृथ्वी का स्पर्श करते हुए तथा पैरों के पंजे खड़े रहें। मूलाधार को खींचकर वहीं ध्यान को टिका दें।
- श्वास को धीरे-धीरे बाहर निष्कासित करते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिली हुई हों। पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को पृथ्वी पर मिलाने का प्रयास करें। नितम्बों को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं। ध्यान ‘सहस्रार चक्र’ पर केन्द्रित करने का अभ्यास करें।
- इसी स्थिति में श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें। ध्यान को ‘स्वाधिष्ठान’ अथवा ‘विशुद्धि चक्र’ पर ले जाएँ। मुखाकृति सामान्य रखें।
- तीसरी स्थिति में श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकाएं। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें। माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे ‘मणिपूरक चक्र’ पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। कमर एवं रीढ़ के दोष वाले साधक न करें।
- श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। ध्यान को गर्दन के पीछे ‘विशुद्धि चक्र’ पर केन्द्रित करें।
- यह स्थिति – पहली स्थिति की भाँति रहेगी।
सूर्य नमस्कार की उपरोक्त बारह स्थितियाँ हमारे शरीर को संपूर्ण अंगों की विकृतियों को दूर करके निरोग बना देती हैं। यह पूरी प्रक्रिया अत्यधिक लाभकारी है। इसके अभ्यासी के हाथों-पैरों के दर्द दूर होकर उनमें सबलता आ जाती है। गर्दन, फेफड़े तथा पसलियों की मांसपेशियां सशक्त हो जाती हैं, शरीर की फालतू चर्बी कम होकर शरीर हल्का-फुल्का हो जाता है।
Best Yoga to Increase Height
सूर्य नमस्कार के द्वारा त्वचा रोग समाप्त हो जाते हैं अथवा इनके होने की संभावना समाप्त हो जाती है। इस अभ्यास से कब्ज आदि उदर रोग समाप्त हो जाते हैं और पाचनतंत्र की क्रियाशीलता में वृद्धि हो जाती है। इस अभ्यास के द्वारा हमारे शरीर की छोटी-बड़ी सभी नस-नाड़ियां क्रियाशील हो जाती हैं, इसलिए आलस्य, अतिनिद्रा आदि विकार दूर हो जाते हैं। सूर्य नमस्कार की तीसरी व पांचवीं स्थितियां सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क वाले रोगियों के लिए वर्जित हैं।
सूर्य नमस्कार को खुले वातावरण में या किसी पार्क में करने पर इस से मिलने वाला लाभ ज्यादा प्रभावी होता है।
2- ताड़ासन
कहते हैं कि बच्चों की लंबाई अगर बढ़ानी है तो ताड़ासन एक ऐसी प्रक्रिया है जिस को अपनाने के बाद बहुत तेजी से कद में वृद्धि होती हुई देखी जाती है। इस युवा, बुजुर्ग और महिलाओं में भी बहुत गहरा असर देखा जाता है।
कैसे करें ताड़ासन || How to do Tadasan
- सबसे पहले पैरों को थोड़ा-सा खोलकर खड़े हो जाइए। सुनिश्चित कर लें कि आपके शरीर का वजन दोनों पैरों पर बराबर हो।
- अब सांस को अंदर खींचे और दोनों हाथों को सिर के ऊपर सीधा ले जाएं।
- अब दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिला लें और हथेलियों को आसमान की तरफ कर लें।
इसके बाद शरीर को अपने पंजों से ऊपर की तरफ उठाते हुए हथेलियों को आसमान की तरफ खींचें। - जितना हो सके उतना शरीर को आसमान की तरफ खींचने की कोशिश करें और इसी अवस्था में बने रहें।
- अब धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापिस आ जाएं। इस क्रम को इसी तरह 5 से 10 बार दोहराएं।
ताड़ासन करने के क्या फायदे है (What is Benefits of Tadasana)
- इसके अभ्यास से कमर के दर्द में राहत मिल सकती है और यह आपके शरीर का पोस्चर सुधारने में मदद करता है।
- बच्चे व किशोर ताड़ासन का रोजाना अभ्यास करके शरीर की लंबाई बढ़ा सकते हैं। क्योंकि यह आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और उसे बढ़ने में मदद कर सकता है।
- कुछ लोगों को कमर में कूबड़ की समस्या होती है। यह रीढ़ की हड्डी के झुकने और कमजोर होने की वजह से होती है। इस समस्या के लिए भी ताड़ासन काफी फायदेमंद है।
- ताड़ासन हमारे पैरों, कूल्हों और जांघों को भी मजबूती प्रदान करता है।
3- Best Yoga to Increase Height : पश्चिमोत्तानासन
Best Yoga to Increase Height में अब हम जानेंगे पश्चिमोत्तानासन के बारे में। यह आसन कद बढ़ाने के साथ-साथ मस्तिष्क की ग्रन्थियों पर भी गहरा प्रभाव डालता है।
इस योग को करने से आप न सिर्फ कई स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रहेंगे बल्कि आपका शरीर लचीला होगा। इसके लिए सबसे पहले सीधे बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक सीध में रखें। दोनों पैर सटाकर रखें। दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिल्कुल सीधा रखें। फिर झुककर दोनों हाथों से पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ने की कोशिश करें। ध्यान रहे इस दौरान आपके घुटने न मुड़ें और न ही आपके पैर जमीन से ऊपर उठें।
4- भुजंगासन एवं सर्पासन
Best Yoga to Increase Height में अब हम जानेंगे भुजंगासन व सर्पासन के बारे में। दोस्तों जैसा कि नाम से स्पष्ट है भुजंग मतलब सांप होता है और सांप के जैसा आकार बनाना भुजंगासन कहलाता है, इसी की तरह ही एक और आसान होता है जिसे हम सिर्फ आसन कहते हैं। लेकिन भुजंगासन और सर्प आसन के करने की प्रक्रिया में बहुत अंतर होता है यहां हम इस अंतर को समझते हुए दोनों आंसुओं को करने का अभ्यास करेंगे। इन दोनों आसनों के अभ्यास से कद बढ़ने में मदद मिलती है।
कैसे करें भुजंगासन || How to do Bhujangasan
- पेट के बल ज़मीन पर लेट जाएँ, पैर को सीधा रखते हुए पैर की अंगुली और मस्तक ज़मीन पे सीधा रखें।
- दोनों हाथ, दोनों कंधो के बराबर नीचें रखे तथा दोनों कोहनियों को शरीर के समीप और समानान्तर रखें।
- लम्बी व गहरी श्वास लेते हुए, धीरे से मस्तक, फिर छाती और बाद में पेट को उठाएँ लेकिन नाभि को ज़मीन पे ही रखें।
- अब शरीर को ऊपर उठाते हुए, दोनों हाथों का सहारा लेकर, कमर के पीछे की ओर खीचें।
- सजगता से श्वास लेते हुए, रीड़ के जोड़ को धीरे धीरे और भी अधिक मोड़ते हुए दोनों हाथों को सीधा करें; गर्दन उठाते हुए ऊपर की ओर देखें।
- अपनी क्षमतानुसार ही शरीर को तानें, श्वास छोड़ते हुए पहले पेट, फिर छाती और बाद में सिर को धीरे से वापस ज़मीन ले आयें।
- दोस्तों इस आसन के करने से पेट के स्नायुओं को मज़बूती मिलती है। कंधे और गर्दन को तनाव से मुक्ति मिलती है तथा पीठ और कंधों को कठोरता मिलती है। रीढ़ की हड्डी का उपरवाला और मंझला हिस्सा ज़्यादा लचीला बनता है जिससे रुके हुए कद को पुन: बढ़ने में मदद मिलती है।
सर्पासन करने का तरीका || How to do Sarpasan
सर्पासन एक प्रवण स्थिति है, इसलिए इसे करने के लिए अपने हाथों को सीधे हाथ, पैर एक साथ और माथे से फर्श पर रखें।
- अपनी उंगलियों को अपने कूल्हों पर अच्छी तरह से जकड़ें।
- एक गहरी साँस लें, इसे अंदर पकड़ें और धड़ को पहले सिर से फर्श से ऊपर उठाना शुरू करें और फिर आराम करें। पैर सीधे और अनुबंधित होने के दौरान एक मजबूत स्थिति का अनुमान लगाएगा। जरूरत पड़ने पर आप अपने कूल्हों को भी लगा सकते हैं।
- जैसे ही आप अंतिम स्थिति में पहुंचते हैं, श्वास को जारी रखें, जबकि कंधों के ब्लेड को अनुबंधित करें और हथियारों को आगे बढ़ाएं, जितना संभव हो सके।
- यहां सांस लेना मुश्किल हो सकता है क्योंकि डायाफ्राम दबाव में है। प्राकृतिक रीथम का पालन करें और आसन में स्थिर होने का प्रयास करें।
- न्यूनतम 15 सेकंड के लिए पकड़ो और फिर साँस छोड़ते समय मांसपेशियों से तनाव को छोड़ दें और प्रवण स्थिति में आ जाएं। आसन को 4 सेट में दोहराएं।
5- कद बढ़ाने के लिए हलासन योग :
दोस्तों Best Yoga to Increase Height की अगली कड़ी में हमने हलासन को रखा है जिस आसन को करने से रीड को मजबूती मिलती है तथा गर्दन के आसपास के हड्डियों और मांसपेशियां सक्रिय होती है। हलासन योग कद बढ़ाने में बहुत लाभकारी है यह आसन कई बीमारियां दूर करता है। यह आसन गर्दन को सीधा व लचीला और वजन को घटाने के लिए महत्वपूर्ण योगासन है।
हलासन कैसे करें || How to do Halasan
- सबसे पहले किसी साफ व समतल स्थान पर जमीन पर चटाई को बिछा लीजिए। अब चटाई पर पीठ के बल लेट जाएँ और अपने दोनों पैरों को एक दुसरे से मिला लें।
- अपने दोनों हाथों की हथेलियों को जमीन पर अपनी कमर के पास लगा लें। मुंह उपर आसमान की तरफ और आखें बंद करें। दोनों पैरों को धीरे धीरे उपर की ओर उठाएं। इस क्रिया को करते समय पेट को सिकोड़ें और सांस को अंदर लें।
- दोनों पैरों को सिर के पीछे लगाने कि कोशिश करें जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है। हलासन की पूरी स्थिति बन जाने के बाद 10 से 12 सैकेंड तक इसी स्थिति में रहें और श्वास स्वाभाविक रूप से लेते व छोड़ते रहें।
- फिर वापिस सामान्य स्थिति में आने के लिए घुटनों को बिना मोड़े ही गर्दन व कंधों पर जोर देकर धीरे-धीरे पैरों को पुन: अपनी जगह पर लाएं।
6- सर्वांगासन में भी छुपा कद बढ़ाने का राज
दोस्तों सर्वांगासन योग कद बढ़ाने में फायदेमंद होता है इस आसन को करने से सभी अंगों को व्यायाम मिलता है इसीलिए इसे सर्वांगासन कहते हैं। तथा पूरे सरीर को मजबूत करता है। अंग्रेजी भाषा में इस आसन को Shoulder Stand Pose के नाम से जाना जाता है।
सर्वांगासन कैसे करें || How to do sarvangasan
- पीठ के बल सीधा लेट जाएँ। पैर मिले हुए, हाथों को दोनों ओर बगल में सटाकर हथेलियाँ जमीन की ओर करके रखें। पने दोनों पैरों को सांस लेते हुए आराम-आराम से बिना मोड़े उपर की तरफ उठाएं। और साथ ही कमर को भी उपर की तरफ उठाएं।
- दोनों पैरों को 90 डिग्री तक उठायें ये फिर ऊपर लें जाएँ। 90 डिग्री तक पैरों को न उठा पाएँ तो 120 डिग्री पर पैर ले जाकर व हाथों को उठाकर कमर के पीछे लगाएँ।पांचवी स्थिति :- यह योग करते समय मुख उपर आकाश की तरफ होना चाहिए। और कुहनियां जमीन से टिकी हुई हों।
- 30-40 सेकंड या उससे अधिक के लिए मुद्रा को बनाए रखने के लिए प्रयास करें। वापस पहले जैसे अवस्था मैं आते समय पैरों को सीधा रखते हुए पीछे की ओर थोड़ा झुकाएँ। दोनों हाथों को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दें। अब हथेलियों से भूमि को दबाते हुए जिस क्रम से उठे थे उसी क्रम से धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरों को भूमि पर सीधा करें। इस तरह से आप 5-7 चक्र करें।