How to do Shirshasana: ये है शीर्षासन का सही तरीका
How to do Shirshasana: ये है शीर्षासन का सही तरीका। PIC: Isha Patel

How to do Shirshasana: ये है शीर्षासन का सही तरीका

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How to do Shirshasana: शीर्षासन (Shirshasana) एक ऐसा योग है जिसका अभ्यास कर लेने पर याददास्त की समस्याएं हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो सकता है। शीर्षासन (Shirshasana) का चमत्कारिक परिणाम कई ग्रन्थों में बताया गया है। महर्षि घेरण्य ने ने भी इस आसन को मानसिक मजबूती का जरिया बताया है साथ ही साथ इसके दर्जनों अनेक फायदों का भी जिक्र किया है।

How to do Shirshasana? || शीर्षासन कैसे करें?

  • शीर्षासन का अभ्यास तड़के सुबह करें। अभ्यास के दौरान पेट बिल्कुल खाली होना चाहिए, तभी यह आसन सही तरीके से हो पाएगा।
  • वज्रासन मुद्रा में घुटनों पर बैठ जाएं इसके बाद अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को इंटरलॉक कर लें और उन्हें जमीन पर बिछी चटाई पर रखें।
  • अंगुलियों को इंटरलॉक करने के बाद हथेली को कटोरी के आकार में मोड़ें और धीरे से अपने सिर को झुकाकर हथेली पर रखें।
  • अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और एकदम सीधे रखें। पैरों को ऊपर उठाने के लिए आप शुरुआत में दीवार या किसी व्यक्ति का सहारा ले सकते हैं।
  • इस दौरान शरीर का संतुलन अच्छी तरह से बनाए तथा नीचे से ऊपर तक पूरा शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए।
  • अब 15 से 20 सेकेंड तक गहरी सांस लें और कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें।
  • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और और पैरों को नीचे जमीन पर वापस लाएं। इस आसन को तीन से चार बार दोहराएं।

मुझे उम्मीद है कि How to do Shirshasana का यह आलेख आपको पसंद जरूर आया होगा।

शीर्षासन कैसे करें? || How to do Shirshasana?
शीर्षासन कैसे करें? || How to do Shirshasana?

अगर नीचे बताई गई समस्या से ग्रसित हैं तो शीर्षासन (Shirshasana) न करें-

  • यदि आपका पेट पूरी तरह से भरा हो, शरीर में थकान हो, सिर दर्द या माइग्रेन की समस्या हो, तो इस आसन का अभ्यास न करें।
  • यदि आपको उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, सेरेब्रल या कोरोनरी थ्रॉम्बोसिस एवं ग्लूकोमा की समस्या है, तो शीर्षासन का अभ्यास न करें।
  • यदि आपके शरीर में अशुद्ध खून हो, तो इस आसन का अभ्यास न करें अन्यथा अशुद्धियां मस्तिष्क में भी पहुंच सकती हैं।
  • सिर में ब्लड हेमरेज की समस्या, किडनी का रोग और स्लिप डिस्क की समस्या हो, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें।
  • शीर्षासन की अंतिम मुद्रा में शरीर को उर्ध्वाधर रखें और पीछे या आगे की ओर न झुकाएं, अन्यथा शरीर का बैलेंस बिगड़ सकता है और आपको चोट भी लग सकती है।
  • महिलाओं को मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान शीर्षासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • यदि गर्दन में चोट लगी हो, तो शीर्षासन का अभ्यास न करें। इसके अलावा हार्निया, हाइपरटेंशन और मोटापे की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • यदि आपको चक्कर आ रहा हो, सिर में चोट लगी हो या तेज सिर दर्द हो रहा हो, तो शीर्षासन का अभ्यास न करें।
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पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

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