पंजाब में पंचायत चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि भाजपा आलाकमान ने अभी तक जाखड़ का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से सुनील जाखड़ ने प्रदेश कार्यकारिणी की जरूरी बैठकों से दूरी बना रखी थी। सुनील जाखड़ ने इस्तीफा देने को लेकर चुप्पी साध रखी है।
शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि सुनील जाखड़ हाईकमान से नाराज चल रहे थे। नाराजगी की वजह थी कि हाईकमान ने उन्हें नजरअंदाज कर रवनीत सिंह बिट्टू को मंत्री बना दिया। भाजपा हाईकमान ने बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेजा है।
साल 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब में भारतीय जनता पार्टी में बड़ा बदलाव हुआ था। भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ को पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। सुनील जाखड़ ने पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मई 2022 में भाजपा का दामन थाम लिया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें भाजपा में शामिल कराया था।
सुनील जाखड़ तीन बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं। वह पहली बार 2002 में अबोहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। जहां एक दर्जन गांवों में जाखड़ जाति की अच्छी खासी आबादी है। 2007 और 2012 में वह अबोहर से फिर विधानसभा चुनाव जीते।
इसके बाद वह गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद भी बने। सुनील जाखड़ 2017 से 2021 के बीच पंजाब में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले उनकी जगह नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बना दिया गया था।
पंजाब में जाखड़ का अच्छा राजनीतिक तजुर्बा है। हिंदू और जाट समाज में उनकी अच्छी पकड़ है। सुनील जाखड़ के पास पंजाब की राजनीति में बेहतरीन अनुभव के साथ-साथ गांव और शहर में अच्छी पैठ भी है। हर विधानसभा में उनका अपना एक काडर है।