- महेश शर्मा, आइमा मीडिया
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-19 से जंग में निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए सुझावों में सरकारी उपक्रमों द्वारा प्रिंट मीडिया यानि अखबार जगत, चैनल व पोर्टल को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाकर उसकी धनराशि कोरोना से जूझने में लगाने का जो सुझाव दिया है, वह मीडिया की गर्दन पर छुरी चलाने जैसा है।
देश की आजादी से लेकर आज तक मीडिया ने हर सुख-दुख की घड़ी में देश की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया है। मीडिया ने न केवल समाचारों का प्रकाशन प्रसारण किया, बल्कि विपदा की हर घड़ी में जनता की सामाजिक रूप से तथा आर्थिक रूप से मदद करने में भी पीछे नहीं हटी है। यहां तक कि सरकारी राहत कोष में भी मीडियाकर्मियों ने समय-समय पर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
आल इंडिया मीडिया एसोसिएशन (AIMA) समस्त भारत में फैले अपने लगभग 11000 सदस्यों के साथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस प्रस्ताव की घोर निंदा करती है तथा सभी मीडिया समूहों से एकजुट होकर इस प्रस्ताव का विरोध करने की अपील करती है।
- लेख में दिये गये विचार लेखक के निजी हैं उनसे ई-रेडियो इंडिया का सहमत होना जरूरी नहीं है।
- लेखक ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।