जुबिन गर्ग की मौत के पीछे का सच!

  • राजेश अवस्थी (वरिष्ठ पत्रकार)

मशहूर गायक जुबिन गर्ग की 19 सितम्बर, 2025 को सिंगापुर में हुईं मौत को लेकर रोज नए-नए खुलासे आ रहे हैं। बता दें कि जुबिन की सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुईं थी। जुबिन, श्यामकानु महंत और उनकी कंपनी की ओर से ऑर्गेनाइज इवेंट के चौथे संस्करण में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर गए थे। सिंगापुर में जुबिन और उनके साथी स्कूबा डाइविंग के लिए गए थे। स्कूबा डाइविंग के दौरान जुबिन ने पानी में छलांग मारी और कुछ ही क्षणों में तड़पते नजर आए। बताया गया है कि जुबिन गर्ग पानी में सांस लेने के लिए हांफ रहे थे और लगभग डूबने की स्थिति में थे, उस समय वहां मौजूद सिद्धार्थ शर्मा को जाबो दे, जाबो दे। (जाने दो जाने दो) चिल्लाते सुना गया। ऐसा एक गवाह ने कहा है। जुबिन की मौत के बाद इस मामले की जांच चल रही है। फेस्टिवल ऑर्गेनाइजर, सिंगर के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और बैंड के दो मेंबर शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंत को गिरफ्तार कर 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।

हालांकि इस दौरान जुबिन के बैंड के मेम्बर शेखर ज्योति गोस्वामी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इसमें उन्होंने बताया कि सिंगापुर में जुबिन को जहर दिया गया था, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गईं थी। इस मामले में पूछताछ के दौरान पुलिस के पास मौजूद ऑफिशियल डाक्यूमेंट में दी गईं जानकारी के मुताबिक डिटेल्स ग्राउंड ऑफ अरेस्ट या रिमांड नोट में ज्योति ने आरोप लगाया कि जुबिन की सिंगापुर में उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और नार्थ ईंस्ट इंडिया फेस्टिवल के ऑर्गेनाइजर श्यामकानु महंत ने जहर दिया था। गवाह ने कहा कि जुबिन गर्ग एक प्रशिक्षित तैराक थे यानी वह तैराकी में अपनी तह जानते थे और इसलिए डूबने से उनकी मौत नहीं हो सकती।

कहा गया है कि शेखर ज्योति गोस्वामी ने आरोप लगाया कि सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकानु महंत ने सिंगर को जहर दिया था और अपनी साजिश छिपाने के लिए जानबूझकर विदेश में जगह चुनी थी। सिद्धार्थ ने उन्हें नाव के वीडियो किसी के साथ शेयर न करने का भी निर्देश दिया था।

सीआईडी का 9 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) फिलहाल सिंगापुर में गर्ग की मौत से जुड़े मामले की जांच कर रहा है। सीआईडी के सूत्रों ने दस्तावेज की सत्यता की पुष्टि की है। नोट में कहा गया है, गवाह शेखर ज्योति गोस्वामी के बयान से पता चला है कि जुबिन गर्ग की डेथ से पहले मौत को एक्सीडेंट दिखाने की साजिश रची गईं थी। जुबिन के साथ सिंगापुर में रह रहे सिद्धार्थ शर्मा का आचरण संदिग्ध था जिसकी वजह से बीच समुद्र में खतरनाक तरीके से नाव डगमगाने लगी थी। साथ ही यह भी बताया गया कि डूबते वक्त जुबिन के मुंह से और नाक से झाग निकल रहा था तो सिद्धार्थ ने जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के बजाय उसे एसिड रिफ्लक्स बताकर टाल दिया और दूसरों को आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है। जुबिन की मौत की जांच के लिए असम सरकार ने मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया है। राजनीतिक विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्र सैंकिया की अध्यक्षता वाला यह आयोग 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। उधर जुबिन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने शनिवार को अपने पति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को लौटाते हुए कहा कि यह उनका निजी दस्तावेज नहीं है और जांचकर्ता ही बेहतर तय कर पाएंगे कि इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए या नहीं।

गरिमा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जांच में सिंगापुर में जुबिन की मौत के पीछे की वास्तविक परिस्थितियों का पता लगा लिया जाएगा। गरिमा ने कहा कि वह बस यही चाहती हैं कि जांच सही तरीके से की जाए और सच्चाई जल्द से जल्द सामने ने आए। जब गरिमा जुबिन के बैंड में शामिल शेखर ज्योति गोस्वामी के गायक को जहर दिए जाने के दावे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवाल किया कि वह (शेखर) इतने लंबे समय तक चुप क्यों रहे? अगर शेखर को पता था तो उन्होंने यह बात इतने दिनों तक क्यों छिपाई रखी?

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