प्रदेश सरकार ने Lockdown के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने का फैसला कर चुकी। उत्तर प्रदेश के कानून मंत्रालय ने अधिकारियों को इस बाबत दिशा-निर्देश जारी कर दिए। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न नियमों के उल्लंघन के परिणाम स्वरूप जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे उनको कोर्ट और कचहरी के चक्कर से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय वरदान साबित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लेते हुए बताया कि प्रदेश के व्यापारियों व अन्य लोगों पर दर्ज किए गए मुकदमों को सरकार वापस इसलिए ले रही है ताकि वह अपने व्यापार और कार्यों में लग सके तथा न्यायालय के चक्कर में ना उलझें।
उत्तर प्रदेश के कानून मंत्रालय ने प्रदेशभर से ब्योरा जुटाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। कानून मंत्री ब्रिजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों को उन लोगों की लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है जिन पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
क्या कर इस तरह का निर्णय पूरी तरह से अमलीजामा पहले का तो उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य बनेगा जो लॉकडाउन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेगा और इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरा श्रेय जाएगा।
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि लंबे समय से व्यापारियों की मांग चल रही थी कि लॉकडाउन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस किया जाए, अंततः सरकार ने फैसला लिया है इससे लाखों व्यापारियों को राहत मिलेगी और उन लोगों को भी रिलीफ मिलेगा जो अपने कार्यों को छोड़कर अदालत के चक्कर काट रहे हैं।
सिर्फ इन्हीं लोगों को ही नहीं बल्कि अदालतों को भी मुकदमों के बोझ से निजात मिलेगी तो वहीं पुलिस कर्मियों को भी जांच पड़ताल करने के एक्स्ट्रा बर्डन से छुट्टी होगी।