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पुलिस भी अब मौखिक रूप से पत्रकारों को देने लगी झूठी जानकारी

गाजियाबाद

पुलिस के दावे भी अब कहीं ना कहीं खोखले होते आ रहे नज़र

  • फाईज़ अली सैफी || ई-रेडियो इंडिया

गाज़ियाबाद। आपको बताते चलें कि मुरादनगर थानाक्षेत्र के बस अड्डा चौकीक्षेत्र की आर्यनगर कॉलोनी निवासी राशिद अली के मकान/घर में लगभग एक माह पूर्व अज्ञात चोरों द्वारा चोरी किए जाने का मामला प्रकाश में आया था। जिसके चलते पीड़ित राशिद अली ने 112 पुलिस कंट्रोल रूम पर चोरी की सूचना देते हुए थाना मुरादनगर पुलिस को अवगत कराया था तथा अज्ञात चोरों के विरुद्ध थाने में तहरीर दी थी।

पीड़ित राशिद अली ने पुलिस को लिखित तहरीर में बताया था कि उसके मकान/घर से छह तोला सोना व एक किलो चांदी के आभूषण और एक लाख रुपए की नगदी भी अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर ली गई हैं। जिसके चलते पुलिस ने आर्यनगर कॉलोनी निवासी तीन-चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी और फिर बाद में उन्हें छोड़ भी दिया गया था। इतना ही नहीं, पुलिस ने चार-दिन पहले दो और लोगों को हिरासत में लिया था। जिसके उपरांत चार दिन तक हिरासत में लेकर दोनों लोगों से पूछताछ की गई थी।

थाना मुरादनगर प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार से मौखिक रूप से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया था कि पुलिस ने इस चोरी के खुलासे को लेकर कई लोगों को हिरासत में लिया था और फिर पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ भी दिया गया था। इसी कड़ी में प्रभारी निरीक्षक ने एक पत्रकार बंधु को मौखिक रूप से जानकारी देते हुए यह भी बताया था कि वर्तमान में पकड़े गए दोनों लोग इरशाद और इमरान इसी चोरी में शामिल हैं तथा उनसे पैंतीस प्रतिशत चोरी का माल बरामद भी कर लिया गया हैं और जल्द ही अज्ञात में हुई चोरी का खुलासा भी कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि हिरासत में लिए गए इरशाद और इमरान आर्यनगर कॉलोनी मुरादनगर के ही निवासी हैं, जिसमें इमरान का मकान/घर तो कुछ ही मकान/घर छोड़कर हैं। चार दिन के लिए हिरासत में लिए गए दोनों लोगों की सिफारिश क्षेत्र के काफी गणमान्य व्यक्तियों ने थाना प्रभारी अमित कुमार से की थी तथा सूत्रो के अनुसार उनपर दोनों लोगों को छोड़ने का काफी दबाव भी बनाया गया था। जिन्हें, थाना प्रभारी ने बताया था कि इस चोरी के पीछे यही दोनों व्यक्ति हैं, जिनके पास से पैंतीस प्रतिशत सामान की भी बरामदगी कर ली गई हैं।

दरअसल, पुलिस ने रविवार सुबह हिरासत में लिए गए दोनों आरोपियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया हैं। वहीं, दूसरी तरफ थाना प्रभारी का दावा भी खोखला साबित हुआ हैं और इसी कड़ी में एक पत्रकार बंधु को मौखिक रूप से दी गई जानकारी भी खोकली साबित हुई हैं। पुलिस की इस कार्यप्रणाली को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पुलिस भी अब पत्रकार बंधुओं को झूठी जानकारी देने लगी हैं, जिससे पुलिस की छवि धूमिल हुई हैं।

एसएसपी कलानिधि नैथानी को अपने अधीनस्थ समस्त पुलिसकर्मियों को सही जानकारी उपलब्ध कराने हेतु आदेशित करने की आवश्यकता हैं, ताकि आगे से कोई भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी मीडियाकर्मियों को जानकारी सोच समझकर सही उपलब्ध कराएं।