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बिहार में AIMIM की दस्तक से बिगड़ा इंडी का गेम, ओवैसी ने 11 सीट पर चुनाव लड़ने की ठोक दी ताल

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पटना बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के तेवर में पार्टी का विस्तार शामिल हो चुका हैं। कभी एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाली एआईएमआईएम ने इस बार लोकसभा चुनाव की घोषणा का इंतजार किए बगैर राज्य के 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा प्रकट कर दी है। हालांकि, वर्ष 2020 के विधानसभा में अच्छा प्रदर्शन के बाद ही ओवैसी ने आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के विस्तार का संकेत दे दिया था। तभी सीमांचल उनके टारगेट में आ गया था।
कभी एक लोकसभा सीट किशनगंज से चुनाव लड़ने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने
राज्य के 11 लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। ये सीटें हैं- किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, काराकाट, बक्सर, गया, मुजफरपुर और उजियारपुर। इन सीटों से एआईएमआईएम चुनाव लड़ने जा रही हैं।
2019 में एआईएमआईएम ने किशनगंज लोकसभा से अख्तरुल ईमान को उतारा था। इस चुनाव में अख्तरुल ईमान ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि, वे इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे। यहां से चुनाव कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने 367017 मत लाकर जीत दर्ज की। दूसरे नंबर पर जदयू के महमूद अशरफ रहे, जिन्हें 332517 वोट मिले। अख्तरुल ईमान तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें 295029 मत मिले। ये वही अख्तरुल ईमान हैं, जिन्होंने वर्ष 2014 में जदयू की टिकट पर किशनगंज लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब भी ये तीसरे नंबर पर थे, मगर इन्हें मात्र 55822 वोट मिले थे। यानी एआईएमआईएम से खड़े होने पर अख्तरूल ईमान के मतों में लगभग 2 लाख 30 हजार का इजाफा हुआ।

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Neha Singh

नेहा सिंह इंटर्न डिजिटल पत्रकार हैं। अनुभव की सीढ़ियां चढ़ने का प्रयत्न जारी है। ई-रेडियो इंडिया में वेबसाइट अपडेशन का काम कर रही हैं। कभी-कभी एंकरिंग में भी हाथ आजमाने से नहीं चूकतीं।

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