अब आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों को टोकन के माध्यम से मिलेगा सूखा राशन

  • मेरठ।

जनपद में आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों को अब टोकन के माध्यम से सूखा राशन दिया जाएगा। राशन वितरण के समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रह कर उनके हस्ताक्षर अपनी वितरण पंजिका पर प्राप्त करेंगी। लाभार्थियों को योजना का सीधा लाभ दिया जाएगा और इससे परदर्शिता भी बनी रहेगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) विनीत कुमार ने बताया आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थियों के लिए माह अप्रैल, मई और जून 2021 का आवंटन कोटेदारों को प्राप्त हो चुका है।

इस बार स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष द्वारा अब कोटेदारों से गेहूं, चावल का उठान नहीं किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थियों के नाम का टोकन जारी करेंगी। इसमें लाभार्थी का नाम, पता, माता का नाम और आधार नंबर लिखा होगा। टोकन के आधार पर सीधे कोटेदार से खाद्यान्न लेंगे लाभार्थी नई व्यवस्था के तहत अब टोकन के आधार पर 2.36 लाख से अधिक लाभार्थी कोटेदार से सीधे अपना खाद्यान्न प्राप्त करेंगे।

इस प्रक्रिया में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगी। वह लाभार्थियों से अपनी वितरण पंजिका पर हस्ताक्षर भी प्राप्त करेंगी। पूर्व में समूह के लोग कोटेदार से सूखा राशन प्राप्त कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उपलब्ध कराते थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थियों को बुलाकर वितरण पंजिका में उनके हस्ताक्षर कराकर वितरित किया करती थीं। समूह के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था बीते दिसंबर माह से शुरू की गई थी।

इसके पहले आंगनबाड़ी में पंजीकृत सात माह से तीन वर्ष, तीन से छह वर्ष के बच्चों के साथ ही गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषाहार दिया जाता था। इसमें मीठा दलिया व नमकीन दलिया के पैकेट दिए जाते थे।दिसंबर माह से इसमें बदलाव किया गया और इन सभी लाभार्थियों को सूखा राशन दिया जाने लगा था। समूह के सदस्य कोटेदारों के यहां से राशन व बाजार से दाल लेकर उसका पैकेट बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उपलब्ध कराते थे।

डीपीओ ने बताया जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर टोकन के माध्यम से सूखा राशन दिया जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से टोकन देकर लाभार्थियों को गेहूं व चावल दिलाने का निर्देश दिया है। जिले में 2.36 लाख लाभार्थी विनीत कुमार ने बताया जिले में वर्तमान में 2.36 लाख लाभार्थी हैं जिसमें 1.85 लाख बच्चे, 50 हजार गर्भवती व धात्री महिलाएं तथा 1500 किशोरी हैं। जिन्हे इस योजना का लाभ मिलता है। उन्होंने बताया सरकार का मकसद लाभार्थियों को सीधे तौर पर योजना का लाभ दिलाना है।