मेरठ। चटक होती धूप के बीच सिसौली में सात मार्च को गाड़ियों का काफिला प्रवेश करता है। सबकी नजर बाबा टिकैत के घर की तरफ उठती है। आगे की कार से केंद्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान उतरते हैं।
उन्हें सूचना मिलती है कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत घर पर नहीं हैं तो डा. बालियान पहले किसान भवन पहुंचकर चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, कर्नाटक के किसान नेता एमजी नजूंडा स्वामी और सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हैं। केंद्रीय मंत्री लौटे तब तक नरेश टिकैत आ जाते हैं। बालियान ने उन्हें अपनी खाप का मुखिया बताकर पैर छुए।
नरेश ने कहा ‘ठीक तो चल रहा है थारा’। फिर साथ बैठे और खेतीबाड़ी की चर्चा के बहाने राजनीतिक तार छेड़े गए। कुछ ऐसा ही सिलसिला सिसौली में चल रहा है। सभी प्रत्याशी और आगंतुक बाबा टिकैत की स्मृति में 1987 से प्रज्ज्वलित लौ को प्रणाम कर किसानों के हित में क्रांति का संकल्प लेते हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र मुजफ्फरनगर संसदीय सीट राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसान राजनीति का केंद्र होने के साथ ही यह ध्रुवीकरण की भी प्रयोगशाला रही है।
सिसौली को किसानों की क्रांति की गंगोत्री तक कहा गया। टिकैत बंधु जहां तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को मजबूत बनाने में सफल रहे, वहीं इसकी लहर पर सवार होकर कांग्रेस, सपा और रालोद ने अपनी चुनावी नाव को चलाने का प्रयास किया।
पिछले साल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के आंदोलन को भी धार दी गई। इस सीट का चरित्र चुनावी पंडितों को चौंकाता रहा है। यहां से चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह जैसे महारथी भी चुनाव हार चुके हैं।
चौखट पर महारथी
मुजफ्फरनगर सीट से सपा प्रत्याशी और पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक नौ मार्च को टिकैत के घर पहुंचते हैं तो यहां सहज संवाद के साथ हंसी और खुशी के पल भी तैरते रहे। 16 मार्च को बागपत संसदीय सीट से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे डा. राजकुमार सांगवान के लिए सिसौली पहले से ही तीर्थतुल्य है।
उन्होंने नरेश टिकैत के साथ बैठकर बाबा टिकैत और चौधरी साहब से जुड़ी यादों को अपने शब्दों में साझा किया। मुजफ्फरनगर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरे दारा सिंह ने 17 मार्च को सिसौली पहुंचकर ‘चुनावी तीर्थयात्रा’ संपन्न की। उधर, रालोद कोटे से सीएम योगी की कैबिनेट में शामिल किए गए पुरकाजी विधायक अनिल कुमार ने भी सिसौली पहुंचकर शिष्टाचार भेंट की परंपरा निभाई।