पटना। बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार के तेवर भी पूरी तरीके से बदले हुए नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि बिहार में अब माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी है। राज्य में बालू, शराब और जमीन माफिया बढ़े हुए हैं। अब वह पूरी तरीके से नीतीश सरकार के रडार पर आ गए हैं। इनसे निपटने के लिए बिहार की नई एनडीए सरकार ने उत्तर प्रदेश के तर्ज पर तैयारी कर ली है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने माफियाओं पर शक्ति के लिए गैंगस्टर एक्ट लाया था। अब बिहार में भी अपराध और भ्रष्टाचार के साथ-साथ माफियाओं पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए सख्त नियम बनाए जा रहे हैं।
इस संबंध में नीतीश सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार को जो कैबिनेट की बैठक हुई, उसमें नए कानून के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई है। जानकारी के मुताबिक मौजूदा सत्र में इस बिल को पेश किया जा सकता है। इसने कानून के लागू होने के बाद भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की सख्ती जबरदस्त तरीके से बढ़ेगी। साथ ही साथ माफियाओं पर भी कार्रवाई हो सकेगा। वर्तमान में देखें तो सरकारी महकमों में भी जो गड़बड़ी होती है, उसके अलावा माफिया राज से भी निपटने में नया कानून सरकार की मदद करेगा। जानकारी के मुताबिक इसने कानून में भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके तहत सख्त सजा का प्रावधान भी होगा।
वर्तमान में देखा जाए तो बिहार में जमीन माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया की खूब चर्चा है। यह कानून की धज्जियां उड़ाते दिखाई देते जाते हैं। यही कारण है कि नीतीश सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन की पूरी तैयारी कर ली है। इस कानून को पूरी तरीके से यूपी के गैंगस्टर एक्ट की तरह ही माना जा रहा है। अब तक बिहार में भ्रष्टाचार और सिंडिकेट माफिया से जुड़े मामलों को गंभीर श्रेणी में नहीं रखा जाता था। लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा रहा है और इन मामलों को गंभीर श्रेणी में रखने के साथ ही सख्त सजा का प्रावधान किया जा रहा है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाया गया है और इसे पूरी तरीके से लागू किया जाएगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हाल में ही विधानसभा में कहा था कि उनकी सरकार बालू माफिया, जमीन माफिया और शराब माफिया के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी में है।