ऽ 75 घंटे के अनवरत काव्यपाठ के दूसरे दिन तक 200 कवियों ने दी अपनी प्रस्तुति
अयोध्या।डॉ. राममनोहर लोहिया के संतकबीर सभागार में हिमांचल प्रदेश के शिमला से आये बाल कवि आरव शर्मा ने भगवान राम के ऊपर लिखी अपनी कविता का पाठ किया तो पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। यहीं चल रहे 75 घंटे के अनवरत काव्यपाठ का शुक्रवार को दूसरा दिन था।
अब तक इस कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न कोनो से आये 200 कवि अपनी प्रस्तुति दे चुके है। करीब 750 कवि पूरे कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देंगे। कवियों ने मुख्यतया हिन्दी, संस्कृत व तमिल में अपनी कविताओं का पाठ किया। बाल कवि आरव शर्मा ने ‘‘बात यह अभिमान की थी प्रजा ऐसी राम की थी।
जिस राज्य के राजा स्वयं त्यागी तपी विद्वान हों। क्यों ना प्रजा उस राज्य की अनगिन गुणों की खान हो’’ की प्रस्तुति से दर्शकों ने मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं विमल ग्रोवर ने ‘‘ कर रहे हो रोशनी जिससे थोड़ी देर की अपने कमरे में इस आग को तुमने लगाया है यही तुम्हारा घर जलायेगी’’ व प्रियंकाराय नंदिनी नें ‘‘सजायेंगे धरा अम्बर नजर तक हम बिछा देंगे। लखन संग जानकी जी को लिए जब राम आएंगे’’ की भावविभोर करने वाली प्रस्तुति दीं।
श्रीलंका से चली रामवनगमन यात्रा के अयोध्या पहुंचने पर आयोजित 75 घंटे के अनवरत काव्य पाठ के दूसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल व प्रख्यात राष्ट्रकवि हरिओम पवार ने किया। जगदीश मित्तल ने कहा कि मर्यादा व आदर्श को वैश्विक स्तर पर अयोध्या ने प्रसारित किया है।
कई देशों में आज भी रामलीलाएं शिक्षा की रश्मि से जनमानस को प्रकाशित कर रही है। रामराज्य को आज भी आदर्श शासन का प्रतीक माना जाता है। रामवनगमन यात्रा ने भारतीय संस्कृति की गहराई को परिभाषित किया है। राष्ट्रीय कवि संगम के प्रान्तीय सलाहकार हरीश श्रीवास्तव ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में देश के विख्यात कवियों का अयोध्या आगमन यहां भारतीय साहित्य व संस्कृति के विकास को सम्बल प्रदान करेगा। युवाओं के लिए यह स्वर्णिम अवसर है।