Who is DM of Meerut?: मेरठ के नए जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह या डॉ. वीके सिंह हैं। इससे पहले वो फर्रूखाबाद के जिलाधिकारी थे।
मूल रूप से बिहार के रहने वाले वीके सिंह का मेरठ से पुराना नाता है। वर्ष 2004 में वे मेरठ की मवाना तहसील में एसडीएम के पद पर तैनात रहे थे। 2019 में पीसीएस से आईएएस में प्रमोशन के बाद उन्होंने हापुड़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।
DM Meerut Mobile Number:
DM Meerut Mobile Number नीचे दिया गया है जिस पर काल करके आप सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की शिकायत या सुझाव दर्ज करा सकते हैं।
- CUG N: 9454417566
- Email: dmmee@nic.in
- Add: Office of the District Magistrate, Collectorate, Meerut
मेरठ शहर कहां है और क्यों प्रसिद्ध है?
मेरठ शहर क्रांति का उद्गम स्थल है और यहीं से क्रांति की शुरुआत हुई। इसलिये पूरे देश में मेरठ का अहम स्थान है। इस आलेख में हम जानेंगे मेरठ के बारे में विशेष जानकारियां और साथ ही जानें About Toorist Places in Meerut-
कहां है मेरठ शहर?
दिल्ली से लगभग 74 कि.मी की दूरी पर स्थित मेरठ उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन शहर है। यह राज्य का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर भी है जो बड़े स्तर पर खेल से सामान और वाद्ययंत्रों का निर्माण करता है। इसका संबंध पौराणिक काल से बताया जाता है, माना जाता है यहां महाभारत में उल्लेख हस्तिनापुर स्थल के अवशेष प्राप्त किए गए थे। कहा जाता है कि पांडवों को जलाने के लिए दुर्योधन द्वारा लाक्षागृह का निर्माण यहीं पास मे करवाया गया था।
इसके अलावा कहा जाता है कि अशोक काल के दौरान इस नगर पर बौद्ध धर्म का भी प्रभाव पड़ा था। अंग्रेजों के खिलाफ भारत के सबसे बड़े आंदोलन की शुरुआत मेरठ(10 मई 1857) से की गई थी। जानिए पर्यटन के लिहाज से यह ऐतिहासिक शहर आपके लिए कितना खास है। जानिए यहां के प्रसिद्ध स्थलों के बारे में (About Meerut City in Hindi)-
मेरठ के बारे में कुछ प्रमुख बातें
मेरठ एक प्रसिद्ध शहर है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। मेरठ पर्यटको के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य माना जाता है। कई चर्चों और गिरजाघरों जैसे सेंट जॉन चर्च के ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन और विल्वेश्वरनाथ मंदिर। पर्यटक अपील के अन्य स्थानों में शाहपीर की दरगाह, हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य, शहीद स्मारक शामिल हैं। यात्रा के स्थानों में हस्तिनापुर के जैन मंदिरो, सेंट जॉन कैथ्रेडल, औगरनाथ मंदिर, बेसिलिका ऑफ अवर लेडी ऑफ ग्रेस परीक्षितगढ़, और बहुत कुछ जैसे नाम शामिल है।
उत्तर भारत का सबसे पुराना चर्च, सेंट जॉन चर्च, उत्तर भारत की सबसे पुरानी मस्जिद, जामा मस्जिद, देवी मंदिर और जैन मंदिर यहाँ के कुछ धार्मिक पड़ाव है। मेरठ को रामायण के महाकाव्य से रावण की पत्नी मंदोदरी के भाई का राज्य भी माना जाता है। मेरठ देवी मंदिर सहित मंदिरों और धार्मिक स्थलों का घर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह जगह जहां मंदोदरी, रावण की पत्नी पूजा करती थी और मनसा देवी मंदिर जो दुनिया भर के तीर्थयात्रियों को विशेष रूप से नवरात्रि उत्सव के दौरान आकर्षित करता है। ये मंदिर प्राचीन काल के हैं और एक उत्कृष्ट वास्तुकला का प्रदर्शन करते हैं।
इसके अलावा, पर्यटक जामा मस्जिद और श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, द सेंट जॉन चर्च और सरधना चर्च में जाकर शांति पा सकते हैं पौराणिक कथाओ के अनुसार इस शहर की स्थापना मायासुर ने की थी, जो रावण का पिता था। परीक्षितगढ़ मेरठ के निकट एक और आकर्षक स्थान है। यह हस्तिनापुर के राजा परीक्षित से संबंधित है। इस स्थान के पास एक किला स्थित है और माना जाता है कि इसे राजा परीक्षित ने बनवाया था। मेरठ में चंडी देवी का मंदिर भी है। मंदिर देवी अहिल्याबाई होलाकर द्वारा बनाया गया है।
काली मंदिर, बाले मियां की दरगाह और शाहपीर साहब की दरगाह मेरठ और उसके आसपास के कई धार्मिक स्थलों में से कुछ हैं।शहर भारत में खेल के सामान और संगीत बाधयंत्र के सबसे बड़े उत्पादको में से एक है| बगीचों का विशाल विस्तार मन और आत्मा को तरोताजा करने वाले खिलते फूलो के बीच टहलने का आनन्द लेने का अवसर देता है| पर्यटक शाहपीर मकबरे का दौरा कर सकते है, जहाँ कोई भी पुराने मकबरे की वास्तुकला की भव्यतः देख सकता है|
मेरठ में घूमने की प्रमुख जगह?
औंघड़नाथ मंदिर औघड़नाथ मंदिर मेरठ के प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन विशेष रूप से 1857 की क्रांति के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। औपनिवेशिक काल के दौरान भारतीय सेना को ‘काली पलटन’ कहा जाता था, चूंकि यह मंदिर सेना बैरक के नजदीक थी इसलिए इसे काली पलटन मंदिर के नाम से भी संबोधिति किया जाता है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। भोलेनाथ से जुड़े होने के कारण यहां भक्तों का आना जाना लगा रहता है। स्थानीय निवासियों के अनसुार मराठा शासक युद्ध के लिए आगे बढ़ने से पहले यहां अराधना किया करते थे। यह मंदिर भारतीय इतिहास के कई पहलुओं को उजागर करता है। अतीत की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं।
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर,मेरठ जिले के अंतर्गत एक नगर है, जिसका संबंध पौराणिक काल से बताया जाता है। इस नगर का उल्लेख महाभारत और पुराणों में भी मिलता है। पौराणिक साक्ष्यों के अनसुार यह नगर कुरू साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। गंगा नदी के तट पर स्थित यह नगर भारतीय पौराणिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। महाभारत काल की कई घटनाएं इस नगर से जुड़ी है, सौ कौरव भाईयों का जन्म भी इस नगर में हुआ था। यहां स्थित द्रौपदी घाट और कर्ण घाट महाभारत की याद ताजा करते हैं।
सेंट जॉन चर्च
मेरठ भ्रमण के दौरान आप यहां की सेंट जॉन चर्च भी देख सकते हैं। यह एक प्राचीन चर्च है, जिसका निर्माण ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1819 में किया गया था। यह उत्तर भारत की सबसे पुरानी चर्च में से एक है, जिसे नव औपनिवेशिक शैली में बनाया गया था। यहा वो ऐतिहासिक स्थल भी है, जहां अंग्रेज और भारतीयों के बीच कुछ लड़ाईयां भी लड़ी गईं थी। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां की सैर कर सकते हैं।
सूरज कुंड
सूरज कुंड मेरठ के अन्य प्रसिद्ध स्थलों में आप यहां सूरज कुंड की सैर कर सकते हैं। यह एक पुराना कुंड है, जिसका निर्माण लवर जहांवर लाल नाम के एक व्यापारी ने करवाया था। पहले यह कुंड अबु नाला के पानी से भरा था बाद में इसे गंगा नहर के पानी से भरा गया। सूरज कुंड कई ऐतिहासिक संरचनाओं से घिरा हुआ है। आप यहां पास में स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर के दर्शन कर सकते है, जिसका निर्माण मुगल शासक शाह जहां ने करवाया था।
बाले मियां की दरगाह
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप मेरठ में बाले मियां की दरगाह देख सकते हैं। यह एक प्राचीन दरगाह है, जिसका निर्माण 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था। यह दरगाह अपने वार्षिक त्योहार उर्स के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, इस दौरान यहां दूर-दूर से मुस्लिम धर्म के लोगों आगमन होता है। इतिहास के कुछ अलग पहलुओ को जानने के लिए आप यहां आ सकते हैं। यह दरगाह चंडी देवी मंदिर के निकट स्थित है।
अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल
- काली पलटन मंदिर
- अष्टापद मंदिर
- दौराला शुगर मिल्स
- शहीद स्मार्क
- सेंट जॉन्स चर्च
- हस्तिनापुर
- हस्तिनापुर अभयारण्य
- गांधी बाग (कंपनी बाग)
- भोले की झाल
- भाई धर्म सिंह जी गुरुद्वारा
- जामा मस्जिद
- मुस्तफा कैसल
- सरधना चर्च
- सूरज कुंड
मेरठ क्यों जाए
- मेरठ घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक है।
- ऐतिहासिक स्थलो, मंदिर, दरगाह के लिए
- मेरठ घूमने का सबसे अच्छा समय