भाजपा में क्यों घट रहा उमा भारती का कद?
भाजपा में क्यों घट रहा उमा भारती का कद?

भाजपा में क्यों घट रहा उमा भारती का कद?

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भोपाल। मध्य प्रदेश में एक दौर था, जब वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दिग्विजय सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उमा भारती को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया था, बाद में उत्तर प्रदेश में भी भाजपा ने उन्हें सीएम का चेहरा बनाया। अटल सरकार से लेकर मोदी कैबिनेट में वह मंत्री रहीं लेकिन अब उमा भारती का कद पार्टी में लगातार घट रहा है।

स्टार प्रचारकों की सूची से उमा भारती बाहर

हाल ये हो गया है कि वह पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी बाहर हो गई हैं। कभी उनके रूठने और कभी मोदी को विचार बताकर उनकी तारीफ करने वाली उमा के अस्थिर बयानों का ही परिणाम है कि अब भाजपा के लिए उनकी अनुपस्थिति कोई गंभीर मुद्दा नहीं रहा।

कुछ दिन पहले उमा ने एलान किया कि वह हिमालय जाकर तपस्या करेंगी। कुछ दिन बाद ही वह चुनाव प्रचार में कूद पड़ीं। एक दिन प्रचार किया और उसी दिन कह दिया कि अब वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगी। ऐसे ही कई कारण हैं जिसके कारण उनका कद पार्टी में गिरता जा रहा है।

लंबे समय से उपेक्षित

दरअसल, उमा भारती लंबे समय से भाजपा में उपेक्षित चल रही हैं। इसकी कई वजह बताई जा रही हैं। उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया था। कुछ महीनों पहले उमा ने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन पार्टी की ओर से अब तक आश्वासन नहीं मिला है।

कभी मप्र में पूर्ण शराबबंदी को लेकर उमा भारती आंदोलन छेड़ देती हैं तो कभी शराब दुकान पर जाकर पत्थर मारकर अपनी ही सरकार के सामने संकट खड़ाकर देती हैं। कभी अपने इंटरनेट मीडिया एक्स हैंडिल पर भाजपा की ही आलोचना करती हैं तो कभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ करती हैं। यही वजह है कि भाजपा ने भी उमा भारती को लेकर अब गंभीरता दिखाना कम कर दिया है।

होर्डिंग्स से चेहरा भी गायब

पहले पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर किया और अब तो हार्डिंग्स से उनका चेहरा भी गायब कर दिया गया है। मप्र विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच जब उमा की याद किसी को नहीं आई तो उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि वह हिमालय की ओर जा रही हैं ताकि कुछ समय वहां तपस्या कर सकें। उनके इस कदम को भी नाराजगी से जोड़कर ही देखा गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करती हैं और ओबीसी हैं। ओबीसी की राजनीति और जातिवार गणना का मुद्दा इन दिनों कांग्रेस ने गर्माया हुआ है इसलिए भाजपा ने उन्हें मनाकर चुनाव प्रचार में लगाया। भाजपा ने उनके भतीजे राहुल लोधी, उनके समर्थक प्रीतम लोधी सहित कई अन्य को टिकट भी दिया है।

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News Desk

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