pak1 909 H@@IGHT 0 W@@IDTH 600 jpg

आतंकी संगठन टीटीपी के साथ जारी रहेगी पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व की बातचीत

0 minutes, 0 seconds Read

इस्लामाबाद, प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक- ए- तालिबान (टीटीपी) के साथ शीर्ष पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व की बातचीत जारी रहेगी। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक में टीटीपी के साथ जारी वार्ता पर चर्चा के साथ शांति के लिए इसे विस्तार देने पर सहमति बनी।

आतंकी संगठन टीटीपी लगातार पाकिस्तान के लिए मुसीबत बना हुआ है। अफगानिस्तान में आधार बनाए यह संगठन आए दिन पाकिस्तान में हमले किया करता है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ पीस स्टडीज के आंकड़ों के अनुसार टीटीपी ने इस साल अब तक लगभग चार दर्जन हमले किये हैं।

इनमें से ज्यादातर हमले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किये गए हैं। इन हमलों में 79 लोग मारे जा चुके हैं। इसीलिए पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की अगुवाई अफगानिस्तान में टीटीपी के साथ शांति वार्ता शुरू की गयी है। इस तरह की बैठक में पहली बार सभी सशस्त्र बलों के अधिकारी शामिल थे।

अफगानिस्तान में टीटीपी के साथ पाकिस्तानी सेना की अगुवाई वाली इस वार्ता में तीनों सेना प्रमुखों थल सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा, नौसेना प्रमुख एडमिरल मुहम्मद अमजद खान नियाजी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू के अलावा आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम, पेशावर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

इस शांति वार्ता में दोनों पक्षों ने व्यापक सुरक्षा रणनीति के अनुसार मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।अब तक हुई वार्ता की समीक्षा के लिए संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (जेसीएससी) के अध्यक्ष जनरल नदीम रजा की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक में सुरक्षा मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा हुई।

बैठक में पश्चिमी सीमा, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई। सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि व्यापक सुरक्षा रणनीति के अनुसार बैठक में कहा गया कि देश का सैन्य नेतृत्व शांति को एक मौका देना चाहता है लेकिन अगर टीटीपी उस समझौते का पालन नहीं करता है तो उसको जवाब दिया जाएगा।

दोनों पक्षों की वार्ता में पाकिस्तानी सेना अधिकारी आतंकवादी संगठन को भंग करने, हथियार रखने और संविधान के सम्मान की बात कर रही है। वहीं, टीटीपी की ओर से आदिवासी क्षेत्रों से सुरक्षा बलों की वापसी, अपने लड़ाकों की रिहाई, 2018 में कबायली एजेंसियों के खैबर पख्तूनख्वा के साथ हुए विलय को रद्द करने और क्षति के लिए मुआवजे की मांग की जा रही है।

author

Neha Singh

नेहा सिंह इंटर्न डिजिटल पत्रकार हैं। अनुभव की सीढ़ियां चढ़ने का प्रयत्न जारी है। ई-रेडियो इंडिया में वेबसाइट अपडेशन का काम कर रही हैं। कभी-कभी एंकरिंग में भी हाथ आजमाने से नहीं चूकतीं।

Similar Posts

error: Copyright: mail me to info@eradioindia.com