पशु विभाग मेरठ की लापरवाही से टक्कर लगी गाय की मौत
मौके पर पहुंचकर गाय का उपचार करते अंशु माली वशिष्ठ, विदुषी शर्मा, अनिल कौशिक व जीवन दान फाउंडेशन के पदाधिकारी सोनू शर्मा।

पशु विभाग मेरठ की लापरवाही से टक्कर लगी गाय की मौत

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संवाददाता, ई-रेडियो इंडिया

मेरठ। रुड़की रोड पर मोदीपुरम टोल प्लाजा से एक किलोमीटर दूर रात्रि के लगभग 10 बजे किसी अज्ञात वाहन ने एक काली गाय को सड़क पार करते समय टक्कर मार दी और भाग गया। अंदरूनी चोट और दर्द से कराह उठी और मूर्छा खाकर गिर पड़ी। मौके पर पहुंचकर कुछ लोगों ने गौ माता को सड़क से उठवा कर सड़क के किनारे सुरक्षित स्थान पर बिठाया लेकिन पैरों और पसलियों में दर्द के कारण वह ठीक से बैठ ना पाई और गंभीर अवस्था में चारों पैर तानकर लेटी रही।

एनीमल केयर सोसायटी के लोग मौके पर पहुंचे

रात्रि को ही दौराला पुलिस के सहयोग से लोगों ने एनिमल केयर सोसाइटी से संपर्क किया तो सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी अंशुमाली वशिष्ठ इमरजेंसी एनिमल एंबुलेंस लेकर सदस्यों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और घायल गौ माता का इलाज शुरू किया। ग्लूकोज चढ़ाया और कई प्रकार के जरूरी इंजेक्शन आदि भी लगाए तब जाकर गौ माता थोड़ी हरकत में आई।

मेरठ प्रशासन की लापरवाही से गाय की हो गई मौत

इसके बाद दौराला पुलिस के सहयोग से वहां मौजूद पशु प्रेमियों ने ट्रैक्टर में लगी लिफ्टिंग मशीन के द्वारा गौ माता को इलाज और देखरेख के लिए घटनास्थल से उठाकर दौराला की ही एक स्थानीय गौशाला में भेजा घटनास्थल पर मौजूद जीवनदान फाउंडेशन के सदस्य सोनू शर्मा ने और वहां मौजूद और लोगों ने बताया कि इस गाय की सहायता के लिए पूरे प्रशासन को फोन मिलाया गया। मगर किसी ने कोई हेल्प नहीं की।

यहां तक कि पशु कल्याण अधिकारी डॉ हरपाल को भी फोन किया गया तो उन्होंने भी इस विषय में कोई मदद नहीं की, तब जाकर एनिमल केयर सोसायटी को सूचना दी गई और सोसाइटी की टीम मौके पर पहुंची और गाय को तुरंत इलाज दिया गया।

कुत्तों की नसबंदी पर जोर, गौमाता का अनादर

गाय की स्थिति बड़ी ही खराब थी टक्कर इतनी जोरदार थी की इलाज करने के बाद गौशाला में शिफ्ट करने के दौरान उसकी मृत्यु हो गई ऐसा लगता है कि पूरा प्रशासन अपना सारा ध्यान कुत्तों को पकड़ने में ही लगा रहा है और कुत्तों के साथ भी बहुत अन्याय हो रहा है नसबंदी के उपरांत उनको कहीं का कहीं छोड़ा जा रहा है जो कि गैर कानूनी है। अगर गाय की खबर को जल्द संज्ञान में ले ली जाती तो वह गाय आज जिंदा रहती। गाय के इलाज के लिए घटनास्थल पर सोसाइटी की टीम में अंशुमाली वशिष्ठ, कुमारी विदुषी शर्मा और अनिल कौशिक व जीवन दान फाउंडेशन के सोनू शर्मा आदि भी मौके पर थे।

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पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

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