घायल फौजियों को रक्त की जरूरत है ,घायल फौजियों को रक्त की जरूरत है ,
यह वाक्य जब बूढ़े के कानों में पड़ा,
बूढ़े बाबा को भी देशभक्ति का नशा चढ़ा,
बोला -मैं भी रक्तदान शिविर में चलूंगा,
मेरे देश को खून की जरूरत है ,
मैं भी रक्तदान करूंगा।
बूढ़े की बात सुन परिजनों का सर चकराया
बूढ़े बाबा को समझाया, आपका शरीर कमजोर है, आप मत जाइए,
हम दे देंगे आप मत घबराइए सुनते ही बूढ़े की देशभक्ति में उबाल आ गया ,
शब्दों में जोश छा गया
बोला- तुम्हारी मती क्या घास चरने गई है
जो मुझे रोकने की गद्दारी कर रही है
मैं भी देशभक्ति की मिसाल बनूंगा ,
रक्तदान जरूर करूंगा ,
बूढ़ी हट के सामने घरवाले झुक गए,
और बूढ़े को रोकने से रुक गए
बूढ़े बाबा अब रक्तदान शिविर में आए,
उनकी उम्र और शरीर देख डॉक्टर चकराए,
बोले बाबाजी -आप क्यों कष्ट उठा रहे हैं
इतने नौजवान रक्त दे रहे हैं हम उसी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं ,,
आप घर जाइए ,
यहां हम हैं ,चिंता मुक्त होकर लेट जाइए ,
सुनते ही बूढ़े बाबा को फिर ताव आ गया,
देशभक्ति का जुनून फिर उबाल खा गया ,
देश को खून की जरूरत है और तुम मुझे भगा रहे हो? लगता है यहां पर रहकर दुश्मन का अन्न खा रहे हो
मैं तुम्हारी शिकायत ऊपर तक लगाऊंगा
देश के गद्दारों तुम्हें जेल भिजवाऊंगा,
बूढ़े की सनक के आगे डॉक्टर भी हार गए,
रक्त लेने के लिए कागज तैयार किए,
फिर बूढ़े को एक बेड पर लिटाया गया
एक नर्स को सुई लगाने के लिए बुलाया गया
जैसे ही नर्स ने बूढ़े को सुई लगाई,
बूढ़े की आवाज कमरे से निकलकर बाहर सड़क तक आई ,
आवाज सुन चलती सड़क रुक गई ,
क्या हुआ कहां हुआ चारों तरफ यह आवाज गूंज गई, लोग आवाज की दिशा में बढ़ गए
परंतु रक्तदान के लिए लाइन में लगे 20 युवा तुरंत उड़ गए उधर बाबा जी की रक्त वाहिनी नलियों से रक्त की पहली बूंद टपकी ,,
बाबा जी की पलकों ने मारी झपकी,
दूसरी बूंद अपने गंतव्य की ओर आने लगी
बाबाजी की पलकें बुलेट ट्रेन की स्पीड से डबड़बाने लगी,, जैसे ही दूसरी बून्द ने गंतव्य स्थान पर कदम रखा,
डॉक्टर को लगा धक्का, क्योंकि बूढ़े की हार्टबीट अपना रंग दिखाने लगी ,
हाई जंप लोंग जंप के खेल रचाने लगी
डॉक्टर ने तुरंत रक्तदान पर रोक लगाई
और बूढ़े को पुनः होश में लाने के लिए 8 बोतल खून की चढ़ाई।।।
यह वाक्य जब बूढ़े के कानों में पड़ा,
बूढ़े बाबा को भी देशभक्ति का नशा चढ़ा,
बोला -मैं भी रक्तदान शिविर में चलूंगा,
मेरे देश को खून की जरूरत है ,
मैं भी रक्तदान करूंगा।
बूढ़े की बात सुन परिजनों का सर चकराया
बूढ़े बाबा को समझाया, आपका शरीर कमजोर है, आप मत जाइए,
हम दे देंगे आप मत घबराइए सुनते ही बूढ़े की देशभक्ति में उबाल आ गया ,
शब्दों में जोश छा गया
बोला- तुम्हारी मती क्या घास चरने गई है
जो मुझे रोकने की गद्दारी कर रही है
मैं भी देशभक्ति की मिसाल बनूंगा ,
रक्तदान जरूर करूंगा ,
बूढ़ी हट के सामने घरवाले झुक गए,
और बूढ़े को रोकने से रुक गए
बूढ़े बाबा अब रक्तदान शिविर में आए,
उनकी उम्र और शरीर देख डॉक्टर चकराए,
बोले बाबाजी -आप क्यों कष्ट उठा रहे हैं
इतने नौजवान रक्त दे रहे हैं हम उसी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं ,,
आप घर जाइए ,
यहां हम हैं ,चिंता मुक्त होकर लेट जाइए ,
सुनते ही बूढ़े बाबा को फिर ताव आ गया,
देशभक्ति का जुनून फिर उबाल खा गया ,
देश को खून की जरूरत है और तुम मुझे भगा रहे हो? लगता है यहां पर रहकर दुश्मन का अन्न खा रहे हो
मैं तुम्हारी शिकायत ऊपर तक लगाऊंगा
देश के गद्दारों तुम्हें जेल भिजवाऊंगा,
बूढ़े की सनक के आगे डॉक्टर भी हार गए,
रक्त लेने के लिए कागज तैयार किए,
फिर बूढ़े को एक बेड पर लिटाया गया
एक नर्स को सुई लगाने के लिए बुलाया गया
जैसे ही नर्स ने बूढ़े को सुई लगाई,
बूढ़े की आवाज कमरे से निकलकर बाहर सड़क तक आई ,
आवाज सुन चलती सड़क रुक गई ,
क्या हुआ कहां हुआ चारों तरफ यह आवाज गूंज गई, लोग आवाज की दिशा में बढ़ गए
परंतु रक्तदान के लिए लाइन में लगे 20 युवा तुरंत उड़ गए उधर बाबा जी की रक्त वाहिनी नलियों से रक्त की पहली बूंद टपकी ,,
बाबा जी की पलकों ने मारी झपकी,
दूसरी बूंद अपने गंतव्य की ओर आने लगी
बाबाजी की पलकें बुलेट ट्रेन की स्पीड से डबड़बाने लगी,, जैसे ही दूसरी बून्द ने गंतव्य स्थान पर कदम रखा,
डॉक्टर को लगा धक्का, क्योंकि बूढ़े की हार्टबीट अपना रंग दिखाने लगी ,
हाई जंप लोंग जंप के खेल रचाने लगी
डॉक्टर ने तुरंत रक्तदान पर रोक लगाई
और बूढ़े को पुनः होश में लाने के लिए 8 बोतल खून की चढ़ाई।।।
–कवि कमल जैन ‘अनोखा जी’